पॉलिथीन बंद होने से बेरोजगारी का विकराल संकट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश में 15 जुलाई से ही पॉलिथीन की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। लखनऊ प्लास्टिक एसोसिएशन के मुताबिक, उप्र में हजारों फैक्ट्रियां हैं, जो पॉलिथीन का उत्पादन करती थीं लेकिन अब उनके बंद होने के साथ हजारों लोगों के सामने बेरोजगारी का संकट भी खड़ा हो गया है। एसोशिएशन के अध्यक्ष रवि जैन ने बताया कि शहर में अभी भी 50 माइक्रोन से मोटी पॉलिथीन बन रही है लेकिन सरकार के प्रतिबंध लगाने के बाद फैक्ट्रियों में लगभग 300 टन बना हुआ माल डंप पड़ा है। लखनऊ में जहां वैध-अवैध लगभग 100 फैक्ट्रियां काम कर रही हैं। वहीं पूरे प्रदेश में यह संख्या हजारों में पहुंच जाती है, जिससे लगभग तीन हजार टन बनी पॉलिथीन रखी हुई है। जैन का कहना है कि सबसे ज्यादा संशय इस बात पर है कि सरकार सभी तरह के पॉलिथीन को प्रतिबंधित करने की बात कर रही है। अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश भर में पॉलिथीन बना रही हजारों फैक्ट्रियां बंद हो जाएंगी। वहीं केवल लखनऊ में ही लगभग 50,000 के आसपास फैक्ट्री में काम कर रहे कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि बिस्कुट, ब्रेड, दालमोट, रेवड़ी, मेहंदी, चाय की पत्ती समेत कुछ ऐसी चीजें हैं, जिनको छोटे कारोबारी भी प्लास्टिक में पैक करके बेचते हैं। इनके कारोबार पर भी असर पड़ेगा।

Share and Enjoy !

Shares

Related posts

Leave a Comment