नई दिल्ली। राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा का कहना है कि मनोरंजन उद्योग में काम के दौरान महिला का यौन उत्पीडऩ कभी न खत्म होने वाली कहानी है। इस पर रोक लगाने के लिए जरूरी है कि पीडि़त महिलाएं सामने आएं और अपनी बात रखें। तभी ये चीजें खत्म हो सकेंगी। पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट में आयोजित सेक्सुअल हरासमेंट एट वर्कप्लेस सेमिनार में उनका कहना था कि मनोरंजन उद्योग में पुरुषों का सिक्का चलता है। इसकी वजह से उत्पीडऩ की घटनाओं को ज्यादा बढ़ावा मिलता है। हालांकि इस पर पर्दा तब उठना शुरू हुआ जब हालीवुड में मी-टू कैंपेन शुरू किया गया था। उनका यह भी कहना था कि इस पर रोक लगाना काफी दुरुह कार्य है, क्योंकि ज्यादातर मामलों में शिकायतें सामने ही नहीं आ पाती हैं। मलयालम की अभिनेत्री रंजनी साशा का कहना था कि इन्हें रोकने के लिए सिनेमा उद्योग में इंटरनल कंपलेंट कमेटी (आइसीसी) का गठन करना होगा। तभी कुछ सुधार हो सकता है। सेमिनार में शिक्षा जगत के साथ बालीवुड के कई प्रख्यात बैनरों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे।
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