महान गीतकार पद्मभूषण कवि गोपालदास नीरज का एम्स में निधन

नींद भी खुली न थी कि हाय धूप ढल गई,
पांव जब तलक उठे कि ज़िन्दगी फिसल गई,
पातपात झर गए कि शाख शाख जल गई,
चाह तो निकल सकी न, पर उमर निकल गई,

नई दिल्ली। महान गीतकार पद्मभूषण कवि गोपालदास नीरज का गुरुवार शाम दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में निधन हो गया। वह 93 वर्ष के थे।आगरा में प्रारंभिक उपचार के बाद उन्हें बुधवार को दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था लेकिन डॉक्टरों के अथक प्रयासों के बाद भी उन्हें नहीं बचाया जा सका। नीरज के लिखा हर गाना हिट होता रहा। फूलों की बगिया महकेगी.. मेघा छाए आधी रात… लिखे जो खत तुझे.. ए भाई, जरा देख के चलो… आज मदहोश हुआ जाए रे.. हां, मैंने कसम ली… बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं ये सारे गाने सुपर डुपर हिट रहे। उनका पूरा नाम गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’ था। वह एक मशहूर हिन्दी साहित्यकार ही नहीं बल्कि फिल्मों के गीत लेखक के लिए भी पहचाने जाते थे।उन्हें साहित्य की क्षेत्र से भारत सरकार ने पद्म श्री और पद्म भूषण सम्मान से नवाजा है। फिल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिए तीन बार फिल्म फेयर अवॉर्ड भी मिला। गोपालदास नीरज का जन्म 4 जनवरी 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के पुरावली गांव में हुआ था।उन्होंने मेरठ कॉलेज में हिन्दी प्रवक्ता के पद पर कुछ समय तक अध्यापन कार्य भी किया।कवि सम्मेलनों में लोकप्रियता के चलते नीरज को मुंबई के फिल्म जगत ने गीतकार के रूप में काम करने का मौका मिला। मशहूर गीतकार और कवि गोपालदास ‘नीरज’ के निधन की खबरें जैसे ही वायरल हुईं पूरा सोशल मीडिया उन्हीं की बातें करने लगा। देर रात ट्विटर पर इंडिया में टॉप ट्रेंडिंग में गोपालदास नीरज का नाम आ गया।  कोई उनके गानों के बोल लिखकर तो कोई कविताओं की पंक्तियां लिखकर उन्हें याद कर रहा था। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर नीरज के वीडियो, तस्वीरें, गीत खूब शेयर हुए।

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