” बजने दो शहनाई … यार ” का शानदार मंचन

मुंबई : वरिष्ठ नाट्य कलाकार ललित परमु की थ्रियटर ग्रुप “नटसमाज”  के नए शो “बजने दो शहनाई….. यार”  के पहले शो का मंचन मुंबई के द क्लैप सेंटर मलाड़ में हुआ।  हाउसफुल शो में  रंगमच और सिनेमा से जुड़े कई वरिष्ठ और युवा कलाकार उपस्थित थे। “बजने दो शहनाई….. यार” की पहली प्रस्तुति में प्रमुख कलाकार अविनाश कुरी , संदीप जैन , तृप्ति बजोरिआ , महिमा सोगानी , गीता अग्रवाल और के सागर का भावपूर्ण  अभिनय  दर्शको को बहुत पसंद आया।

कहानी शुरू होती है, हंसल अपने बड़े भाई मयंक के साथ रहने के लिए माता-पिता के घर को छोड़कर आ जाता है फिर परिवार में हलचल हो जातीहै। मयंक ने अपने छोटे भाई को अल्हड़ और विलासितापूर्ण जीवन के लिए आकर्षित करने के लिए भोजन, लड़कियों, रात के घुमक्कड़ जीवन को एक महाकाव्य के रूप में जीवन का आनंद लेने के लिए प्रोत्साहित करता है ।

मयंक एक ऐसा युवा है , जो दिलफेंक है लड़कियों के प्रति विशेष आकर्षित रहता है लड़कियों में से एक वानी मयंक के साथ अपने रिश्ते को गंभीरता से लेती है और शादी करने का फैसला करती है इस बीच छोटा भाई हंसल जो शुरू में एकदम शर्मीला था अब अपने बड़े भाई के पद चिन्हों पर चलता हुआ पूरी तरह बदल गया है और आधुनिक चलन लड़कियों के साथ डेटिंग, नृत्य, शराब पीने के साथ ही गैर जिम्मेदार बन गया है। यह भाइयों के बीच एक नया, रोचक और विनोदी संघर्ष बनाता है क्योंकि दोनों बदल गए हैं और नए जीवन जीने जा रहे हैं।

“शो बजने दो शहनाई….. यार”  की पहली प्रस्तुति  में सेट और लाईट्स अमित श्रीवास्तव, संगीत प्रेम कुमार, राहुल श्रीवास्तव और  सिद्धार्थ रंजन ने किया। बैक स्टेज का संचालन शशांक प्रजापति और शरद बिश्नोई द्वारा किया गया।  नाटक “बजने दो शहनाई….. यार” को भूपाली तंबोली ने प्रॉड्यूस  किया है पोस्टर की डिज़ाइनिंग बी एन विश्वकर्मा  द्वारा किया गया है।

इस अवसर पर लेख़क निर्देशक ललित परिमू जी ने कहाकि  आज के सामाजिक परिवेश पर आधारित है मेट्रो शहर में बिना शादी के साथ में रहने ( लिव इन रिलेशन ) के ट्रेंड के साथ ही  आज के युवा के स्वतंत्र अल्हड़पन पर एक व्यंग है। यह नाटक एक रूढ़िवादी परिवार की कहानी पर आधारित है जहां माता-पिता पारंपरिक हैं और नए बदलावों का सामना करने में असमर्थ हैं जबकि बच्चे अपने माता-पिता के विपरीत हैं। यह मजाकिया परिस्थितियों का निर्माण करता है जहां दोनों पीढ़ी एक-दूसरे के लिए परस्पर विरोधी विचार रखते है  मुझे बहुत ख़ुशी हैकि के पहले शो के लिए मित्र और साथी कलाकारों ने  उत्साह वर्धन किया है बजने दो शहनाई यार को देश  साथ ही पूरी दुनियाँ  मंचन किया जाएँ।

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