भारतीय मूल के गणितज्ञ अक्षय वेंकटेश को फील्ड्स मेडल के सम्मान से नवाजा गया है। इसे गणित के क्षेत्र का नोबेल पुरस्कार माना जाता है।
रियोडीजनेरियो में बुधवार को गणितज्ञों की अंतर्राष्ट्रीय कांग्रेस में वेंकटेश (36) को यह पुरस्कार दिया गया। चार साल में एक बार फील्ड्स मेडल 40 साल से कम उम्र के उभरते हुए गणितज्ञ को दिया जाता है।वेंकटेश स्टैनफर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर हैं। वह यह पुरस्कार जीतने वाले दूसरे भारतीय मूल के शख्स हैं। उनसे पहले 2014 में मंजुल भार्गव भी यह पुरस्कार जीत चुके हैं। तीन अन्य विजेताओं में कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर कौचर बिरकर (40), स्विस फेडरल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के एलिसो फिगाली (34) और बोन यूनिवर्सिटी के पीटर स्कूल्ज हैं। सभी विजेताओं को सोने का मेडल और 15,000 कनाडाई डॉलर का नकद पुरस्कार मिला है। वेंकटेश जब 2 साल के थे तभी अपने पैरंट्स के साथ पर्थ चले गए। उनकी अब तक की यात्रा बहुत सी उपलब्धियों से भरी हुई है। स्कूल जीवन से ही उन्होंने फिजिक्स और मैथ्स के कई ओलंपियाड में हिस्सा लिया और मेडल जीते। उन्होंने 11 और 12 साल की उम्र में ही दो प्रतिष्ठित मेडल फिजिक्स और मैथ्स के क्षेत्र में जीते थे। 13 साल की ही उम्र में उन्होंने हाई स्कूल पूरा कर लिया और 2002 में जब 20 साल के थे तभी पीएचडी भी कर ली।