नई दिल्ली। जेट एयरवेज की वित्तीय हालत काफी खराब हो गई है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि खर्चे कम करने के उपाय नहीं किए गए तो कंपनी के लिए 60 दिन के बाद ऑपरेट करना नामुमिकन होगा। लागत कम करने के उपायों में एंप्लॉयीज की सैलरी घटाने की बात भी शामिल है। इससे एंप्लॉयीज की घबराहट बढ़ गई है। जेट के दो अधिकारियों ने भी इस खबर की पुष्टि है। उन्होंने बताया कि चेयरमैन नरेश गोयल सहित कंपनी की मैनेजमेंट टीम ने एंप्लॉयीज को सूचना दी है कि एयरलाइन की वित्तीय हालत ठीक नहीं है और लागत कम करने के उपाय तुरंत करने होंगे।जेट के एक बड़े अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘हमें बताया गया है कि कंपनी को दो महीने के बाद चलाना असंभव है और मैनेजमेंट को सैलरी कट और दूसरे उपायों से खर्चे घटाने की जरूरत है। अगर ऐसा किया गया तभी 60 दिनों के बाद इसका कामकाज जारी रखा जा सकेगा। हम इस बात से चिंतित हैं कि कंपनी ने इतने वर्षों के दौरान हमें कभी भी इसकी जानकारी नहीं दी और अब जाकर उसने यह बात कही है। इससे मैनेजमेंट पर एंप्लॉयीज का भरोसा कम हुआ है। इस बारे में कंपनी से ईमेल भेजकर सवाल पूछे गए थे, लेकिन उसका जवाब नहीं मिला। एयरलाइन एग्जिक्यूटिव्स ने कहा कि कंपनी ने एंप्लॉयीज को निकालना शुरू कर दिया है। इसकी शुरुआत इंजिनियरिंग डिपार्टमेंट के लोगों से हुई है। जिन दो अधिकारियों का ऊपर जिक्र किया गया है, उनमें से एक ने कहा, ‘इंजिनियरिंग डिपार्टमेंट में दिल्ली के लिए हेड ऑफ लाइन से छुट्टी पर जाने को कहा गया है। केबिन क्रू और ग्राउंड हैंडलिंग डिपार्टमेंट से छंटनी शुरू होगी। एयरलाइन ने एंप्लॉयीज से कहा था कि उन्हें 25 पर्सेंट तक सैलरी कट बर्दाश्त करना होगा। इससे कंपनी को सालाना 500 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है। गोयल की अगुवाई में एयरलाइन की मैनेजमेंट टीम ने मुंबई में एंप्लॉयीज से मुलाकात कर उन्हें बताया कि सैलरी में कटौती दो साल के लिए होगी और इसे रिफंड नहीं किया जाएगा। मैनेजमेंट टीम ने दिल्ली में गुरुवार को एंप्लॉयीज से मुलाकात की। मैनेजमेंट ने अपनी मुश्किलों के लिए कच्चे तेल के दाम में तेजी और बाजार के बड़े हिस्से पर इंडिगो का कंट्रोल बताया है। उसने कहा है कि पिछले 6 साल से कंपनी कोई विस्तार नहीं कर पाई और इससे उसकी वित्तीय स्थिति कमजोर हुई है। एयरलाइन ने अपने फर्स्ट ऑफिसर्स के लिए सात साल या 1 करोड़ के बॉन्ड को भी खत्म कर दिया है और कमांडर सहित पायलटों के लिए नौकरी छोडऩे से पहले सालभर के नोटिस की अनिवार्यता भी वापस ले ली है। 2016 और 2017 तक लगातार दो साल के मुनाफे के बाद वित्त वर्ष 2018 में जेट को 767 करोड़ का घाटा हुआ था।
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