मुजफ्फरपुर शेल्टर होम रेप केस: समाज कल्याण विभाग के 5 सहायक निदेशक निलंबित, ब्रजेश ठाकुर पर कसा शिकंजा

शनिवार को विपक्षी पार्टियों ने नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर नीतीश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। आरजेडी की तरफ से बुलाए गए इस धरने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए।
पटना। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में बच्चियों से दरिंदगी के मामले में जंतर-मंतर पर आरजेडी के विरोध प्रदर्शन में दिखी विपक्षी एकता का फौरी दबाव नीतीश सरकार पर बनता दिख रहा है। लगातार विपक्ष के हमलों से घिरी नीतीश सरकार ने अब लापरवाही बरतनेवाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक देवेश कुमार को निलंबित कर दिया गया है। भोजपुर, मुंगेर, अररिया, मधुबनी और भागलपुर सामाजिक कल्याण विभाग के सहायक निदेशकों को सस्पेंड किया गया है। वहीं मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है।बता दें कि शेल्टर होम में 34 लड़कियों के साथ दरिंदगी के इस मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। इसे लेकर देशभर में उबाल है। शनिवार को विपक्षी पार्टियों ने नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर नीतीश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। आरजेडी की तरफ से बुलाए गए इस धरने में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हुए। सभी ने दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की।उधर, चौतरफा घिरी नीतीश सरकार ने टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस)की ऑडिट रिपोर्ट पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक को निलंबित करने के साथ ही मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर पर भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है। ठाकुर के हथियारों के लाइसेंस निलंबित कर दिए गए हैं। मुजफ्फरपुर के एक अधिकारी ने बताया, जिलाधिकारी मोहम्मद सोहैल ने नगर थाना से जारी ब्रजेश ठाकुर के एक पिस्तौल और एक राइफल का लाइसेंस निलंबित कर दिया है। दो दिनों में इन हथियारों को जमा करने का आदेश दिया गया है। इस बीच जिलाधिकारी के आदेश पर ठाकुर का नाम जिला रोगी कल्याण समिति से भी हटा दिया गया है।टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) मुंबई की ऑडिट में ही सेवा संकल्प व विकास समिति द्वारा संचालित बालिका गृह में 34 लड़कियों से रेप की बात सामने आई थी। आपको बता दें कि बिहार समाज कल्याण विभाग ने इस संस्था के द्वारा बिहार के सभी आश्रय गृहों का सर्वेक्षण करवाया था।
इस सोशल ऑडिट के आधार पर मुजफ्फरपुर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। इसके बाद पुलिस ने संस्था के संरक्षक ब्रजेश ठाकुर समेत 10 लोगों की गिरफ्तार कर लिया। अब ब्रजेश को मिलने वाली सभी सरकारी सुविधाएं एक-एक कर वापस ली जा रही हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सिफारिश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने इस आश्रय गृह दुष्कर्म मामले की जांच अपने हाथों में ली है।इस मामले में सीएम नीतीश कुमार ने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। नीतीश ने कहा, मुजफ्फरपुर में ऐसी घटना घट गई कि हम शर्मसार हो गए। सीबीआई जांच कर रही है। हाई कोर्ट इसकी मॉनिटरिंग करे। इस मामले में किसी के साथ कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसे कड़ी सजा मिलेगी।

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