अमेरिका में इंटरनैशनल छात्रों के लिए नियम कड़े

अमेरिका में रहकर पढ़ाई करने वाले करीब 1.86 लाख छात्रों के भविष्य पर वहां की नई नीति खतरा बन गई है। दरअसल, 9 अगस्त से लागू होने वाली नीति के तहत स्टूडेंट स्टेटस का उल्लंघन करने के अगले दिन ही छात्र और साथ गए व्यक्ति को अमेरिका में अवैध माना जाएगा, भले ही उनके रुकने की अवधि पूरी नहीं हुई हो।
नई नीति के तहत अगर उल्लंघन के 180 दिन बाद छात्र अमेरिका छोड़ता है तो 3 से 10 साल तक के लिए वापसी प्रतिबंधित हो सकती है।पहले नियम था कि अवैध मौजूदगी तब करार दी जा सकती है जब उल्लंघन का पता लगा हो या आप्रवासन जज इस बारे में आदेश दें। अवैध मौजूदगी भी केवल इजाजत से ज्यादा समय से रुकने पर नहीं बल्कि की कारणों से हो सकती है। जैसे किसी छात्र ने शिक्षण संस्थान में पढ़ाई के लिए एक हफ्ते के अंदर अनिवार्य तय समय सीमा को पूरा नहीं किया तो उसे अवैध माना जा सकता है। अनाधिकृत नौकरी या ज्यादा रुकने पर भी यह हो सकता है। इस नीति के तहत यदि किसी का स्टूडेंट स्टेटस चला जाता है तो वह पांच महीने के अंदर बहाली का आवेदन दे सकता है। ऐसा करने पर अवैध मौजूदगी के दिनों की गिनती रुक जाएगी। हालांकि, अगर आवेदन खारिज कर दिया गया तो खारिज किए जाने के अगले दिन से यह फिर शुरू हो जाएगी। न्यू यॉर्क में आप्रवासन अटर्नी और एक लॉ फर्म में मैनेजिंग पार्टनर साइरस डी मेहता ने बताया कि अगर किसी छात्र ने अनजाने में अपना स्टेटस खो दिया है और उसे कई साल बाद इस बारे में पता चलता है तो उल्लंघन के दिन से उसकी मौजूदगी अवैध मानी जाएगी और उसे अमेरिका में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इमिग्रेशन.कॉम के मैनेजिंग अटर्नी राजीव खन्ना बताते हैं कि कभी किसी संस्थान की चूक से गलत डेटा एंट्री हो गई या प्रैक्टिकल ट्रेनिंग करने गए छात्र का काम डिग्री के साथ मेल नहीं खाता तो उसे अवैध करार दे दिया जाएगा।

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