नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली ही नहीं, देशभर के अवैध निर्माणों पर गहरी चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि अवैध रूप से बनी इमारतों में लोग मर रहे हैं। इन अवैध निर्माण करने वालों को लगता है कि कभी न कभी वह रेग्युलर हो ही जाएगा। कोई क्लियरंस नहीं है फिर भी आश्चर्यजनक रूप से बहुमंजिला इमारतें खड़ी होती जा रही हैं। सरकार कर क्या रही है? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बवाना और मुंबई में कमला मिल की आग का भी जिक्र किया। मुंबई में बुधवार को लगी आग पर कहा कि उस इमारत के पास ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट तक नहीं था। कोर्ट ने कहा कि हम दिल्ली के मामले देख रहे हैं, लेकिन देश के बाकी हिस्सों का क्या? अगर कोर्ट दखल देता है तो कहते हैं कि न्यायिक सक्रियता है। सुप्रीम कोर्ट की सलाह के लिए नियुक्त वकील ने बताया कि साउथ एमसीडी 28 अगस्त को संशोधित मास्टर प्लान नोटिफाई करने वाली है। इस पर कोर्ट ने कहा कि डीडीए, एसडीएमसी के वकील पेश तक नहीं हो रहे हैं, उन्हें अदालत की परवाह नही है। कोर्ट का रुख देखकर केंद्र के वकील ने कहा कि हम मिनिस्ट्री को सलाह देंगे कि अगली सुनवाई तक इस मास्टर प्लान पर अमल न करे।
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