हनोई। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि आर्थिक समृद्धि तथा समुद्री सुरक्षा दोनों काफी महत्वपूर्ण है और सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में गैर पारंपरिक तथा नई उभरती चुनौतियों का मिलकर सामना करना है,सुषमा ने वियतनाम की राजधानी हनोई में तीसरे हिंद महासागर सम्मेलन को संबोधित करते हुए सोमवार को कहा, हम समुद्री शांति तथा स्थायित्व के बिना हिंद महासागर के संसाधनों का लाभ नहीं ले सकते हैं। आर्थिक समृद्धि तथा समुद्री सुरक्षा जरूरी है। सुरक्षा एक सर्वव्यापी अवधारणा है जिसमें पारंपरिक, गैर पारंपरिक तथा इस क्षेत्र में उभरे नये खतरे शामिल हैं। उन्होंने इस संदर्भ में समुद्री आतंकवाद, तस्करी, अंतरराष्ट्रीय अपराधों, मादक पदार्थों की तस्करी, अवैध प्रवास, समुद्री क्षेत्र में डकैती, समुद्री क्षेत्र में अनियमित निजी सुरक्षा कंपनियों की भरमार और संवेदनशील वस्तुओं के प्रसार का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि जो लोग इस क्षेत्र में रहते हैं उनकी हिंद महासागर में शांति, स्थिरता और समृद्धि की प्राथमिक जिम्मेदारी हैं। यह सर्वमान्य है कि केवल सामूहिक प्रयासों के माध्यम से ही इस क्षेत्र की चुनौतियों से हम निपट सकते हैं। इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के माहौल को बढ़ाना हमारी विदेश नीति की एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है। हमारा मानना है कि विविधताओं के बावजूद हम जिन चुनौतियों का सामना करते हैं, वे काफी समान हैं। इस क्षेत्र के लिए हमारी दृष्टि सहयोग और सामूहिक कार्रवाई की है। उल्लेखनीय है कि श्रीमती स्वराज वियतनाम तथा कंबोडिया के साथ सामरिक सहयोग को प्रगाढ़ करने के उदेश्य को लेकर दोनों देशों के चार दिवसीय दौरे पर हैं और वह पहले चरण में वियतनाम पहुंची हैं।
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