डॉलर के मुकाबले रेकॉर्ड निचले स्तर पर रुपया

नई दिल्ली। विदेशी विनिमय बाजार में रुपये के टूटने का सिलसिला आज भी जारी रहा। गुरुवार को शुरुआती कारोबार में रुपया डॉलर के मुकाबले 23 पैसे की गिरावट के साथ 70.82 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गया है। माह अंत की डॉलर की मांग तथा विदेशी कोषों की निकासी से रुपये में गिरावट आई। हालांकि, शुरू में रुपया कल के बंद स्तर 70.59 प्रति डॉलर की तुलना में कुछ मजबूती के साथ 70.57 प्रति डॉलर पर खुला। लेकिन जल्द ही यह नए रिकॉर्ड निचले स्तर 70.82 प्रति डॉलर पर आ गया।फॉरेक्स डीलरों ने कहा कि आयातकों और तेल रिफाइनरी कंपनियों की डॉलर मांग और विदेशी कोषों द्वारा पूंजी निकालने से रुपया दबाव में आ गया। इसके अलावा विदेशी बाजारों में अन्य मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती से भी रुपया प्रभावित हुआ है। वीपी मार्केट ऐंड कॉर्पोरेट अफेयर्स के एग्जिक्यूटिव ने बताया, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर टर्की की मुद्रा लीरा और चीन की युआन की वजह से दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति बनी रही तो जल्द ही 71 का आंकड़ा भी पार हो जाएगा। बुधवार को इकनॉमिक अफेयर्स के सेक्रटरी सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा था कि विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार में वापसी के साथ डॉलर के मुकाबले रुपया 68-70 के बीच रह सकता है। 2019 में रुपये में 10 फीसदी की गिरावट आई है और एशियाई मुद्राओं में यह सबसे बुरी स्थिति है। रुपये में गिरावट के चलते आयात, विदेश में शिक्षा और विदेश यात्रा महंगी हो गई है। सबसे ज्यादा प्रभाव पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ा है। भारत 80 फीसदी कच्चे तेल का आयात करता है। कच्चे तेल की कीमत बढ़ी है साथ ही रुपये में गिरावट की वजह से तेल कंपनियों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 15 दिनों में राजधानी दिल्ली में डीजल और पेट्रोल की कीमत में 1 रुपये का इजाफा हुआ है।

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