बिम्सटेक में मिलजुल कर काम करने को प्रतिबद्ध है भारत: मोदी

बिम्सटेक भारत, बांग्लादेश, म्यामांर, श्रीलंका, थाइलैंड, भूटान और नेपाल जैसे देशों का क्षेत्रीय समूह है। वैश्विक आबादी में इस समूह का हिस्सा 22 प्रतिशत है। 

काठमांडू में चौथे बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने मानवीय सहायता तथा आपदा राहत कार्यों में ‘सहयोग और समन्वय’ का भी आह्वान किया। मोदी ने कहा कि भारत डिजिटल संपर्क के क्षेत्र में श्रीलंका, बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के साथ राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क का विस्तार करने को प्रतिबद्ध है।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बिम्सटेक की रूपरेखा के तहत मादक द्रव्य जैसे विषयों पर सम्मेलन की मेजबानी करने को तैयार है।नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने शिखर सम्मेलन का उद्घाटन किया। 30-31 अगस्त को होने वाली इस बैठक में क्षेत्रीय मुद्दों के साथ-साथ गरीबी हटाने, आर्थिक मुद्दों पर सहयोग पर चर्चा की जाएगी। प्रधानमंत्री बैठक के इतर सदस्य देशों के राष्ट्र प्रमुखों से मुलाकात करेंगे। बिमस्टेक में बांग्लादेश, भूटान, भारत, म्यांमार, नेपाल, श्री लंका और थाइलैंड सदस्य देश हैं।शिखर सम्मेलन में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना तथा थाइलैंड, भूटान तथा म्यामां के नेताओं ने भी भाग लिया। पीएम मोदी की यह यात्रा भारत द्वारा पड़ोस को उच्च प्राथमिकता देने तथा दक्षिण पूर्व एशिया के विस्तारित पड़ोस में अपने संबंधों को गहरा बनाने का प्रतीक है।यात्रा पर रवाना होने से पहले अपनी फेसबुक पोस्ट में मोदी ने कहा कि शिखर बैठक के दौरान वे ‘बंगाल की खाड़ी बहु क्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पहल (बिम्सटेक) देशों के नेताओं के साथ क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत बनाने, कारोबारी संबंधों को प्रगाढ़ बनाने और शांतिपूर्ण एवं समृद्ध बंगाल की खाड़ी क्षेत्र के निर्माण में सामूहिक प्रयासों को आगे बढ़ाने के बारे में चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘ शिखर सम्मेलन का विषय शांतिपूर्ण, समृद्ध और सतत बंगाल की खाड़ी है और यह हम सभी की साझी आकांक्षाओं एवं चुनौतियों के संबंध में सामूहिक प्रतिक्रिया में मददगार होगा।विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, आतंकवाद से मुकाबला सभी बिम्सटेक देशों के लिए बहुत महत्वपूर्ण विषय है।

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