लखनऊ। विधानसभा में शुक्रवार को ऊर्जा विभाग के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि नवम्बर माह से ग्रामीण विद्युत उपभोक्ताओं के घरों में प्री-पेड मीटर लगने शुरू हो जायेंगे। उन्होंने बताया कि विभाग ने एक करोड़ प्री-पेड मीटर खरीदे हैं। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि इसी तरह शहरी क्षेत्रों में विद्युत उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाये जायेंगे। उन्होंने बताया कि पहले चरण में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाये जाने की योजना है। मंत्री ने यह भी बताया कि प्री-पेड और स्मार्ट मीटर लगाये जाने का खर्चा उपभोक्ताओं को नहीं उठाना पडे़गा बल्कि सरकार अपने खर्चे पर मीटर लगायेगी।
दरअसल, प्रश्नकाल में सपा के मनोज कुमार पाण्डेय, बाला प्रसाद अवस्थी और अमन मणि त्रिपाठी ने ऊर्जा मंत्री से सवाल किया था कि क्या प्रदेश सरकार बिजली उपभोक्ताओं के लिये प्री-पेड बिजली कनेक्शन देने पर विचार कर रही है? यदि हाँ, तो क्या सरकार उक्त बिजली कनेक्शन झुग्गी-झोपड़ी, मलिन बस्तियों के निवासियों के लिये सस्ते दरों पर उपलब्ध करायेगी? यदि नहीं, तो क्यों?
लिखित जवाब में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सरकार प्री-पेड बिजली कनेक्शन देने जा रही है। बताया कि आर्थिक सामाजिक जनगणना के आधार पर प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के अन्तर्गत ग्रामीण/नगरीय गरीब उपभोक्ताओं को निःशुल्क विद्युत संयोजन दिये जा रहे हैं तथा अन्य ग्रामीण उपभोक्ताओं को रू0 पॉच सौ मात्र, जो किश्तों में दिया जाना अनुमन्य है, में संयोजन निर्गत किये जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्री पेड मीटरों के क्रय की प्रक्रिया चल रही है। ग्रामीण/नगरीय के गरीब उपभोक्ताओं को उपलब्धता के आधार पर प्रीपेड विधि द्वारा संयोजन निर्गत किये जायेंगे।
स्मार्ट मीटरों की गुणवत्ता बताते हुए ऊर्जा मंत्री ने बताया कि स्मार्ट मीटर भारतीय मानकों के मुताबिक निर्मित कराये गये हैं। टैब टेस्ट के माध्यम से मीटरो की खरीद की जा रही हैं। उन्होने बताया कि इन मीटरों से विद्युत चोरी रोकी जा सकेगी तो सही बिल ससमय उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने बताया कि मोबाइल एप के माध्यम से उपभोक्ता अपने बिजली खर्च पर ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे।