नई दिल्ली। डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट जारी है। शुक्रवार को बाजार खुलते ही रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर 71 रुपये प्रति डॉलर पर आ गया। हालांकि बाद में कुछ सुधार हुआ और कल के मुकाबले 17 पैसे की गिरावट के साथ यह 70.91 प्रति डॉलर हो गया।महीने के अंत में बढ़ी डॉलर की मांग और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों का असर रुपये पर पड़ रहा है। गुरुवार को रुपया 15 पैसे गिरकर 70.74 पर बंद हुआ था। 9.90 फीसदी की गिरावट के साथ रुपया एशिया में सबसे बुरा प्रदर्शन करने वाली करंसी है। अगस्त में रुपये में 3.30 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। बुधवार को इकनॉमिक अफेयर्स के सेक्रटरी सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा था कि विदेशी निवेशकों की भारतीय बाजार में वापसी के साथ डॉलर के मुकाबले रुपया 68-70 के बीच रह सकता है। 2019 में रुपये में 10 फीसदी की गिरावट आई है और एशियाई मुद्राओं में यह सबसे बुरी स्थिति है। रुपये में गिरावट के चलते आयात, विदेश में शिक्षा और विदेश यात्रा महंगी हो गई है। सबसे ज्यादा प्रभाव पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर पड़ा है। भारत 80 फीसदी कच्चे तेल का आयात करता है। कच्चे तेल की कीमत बढ़ी है साथ ही रुपये में गिरावट की वजह से तेल कंपनियों को महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। पिछले 15 दिनों में राजधानी दिल्ली में डीजल और पेट्रोल की कीमत में 1 रुपये का इजाफा हुआ है।
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