केरल में आफत बारिश के बाद अब संक्रामक बीमारियां बनी खतरा

तिरुवनंतपुरम। केरल में 100 साल की सबसे भयानक जल त्रासदी के बाद दूषित जल के कारण पैदा बीमारियों से अब तक कुल 50 लोगों की मौत हुई है। दूषित जल के कारण केरल में फैली लैप्टोस्पायरॉसिस के कारण अब तक कुल 6 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। इसके अलावा 34 अन्य लोगों की मौत के पीछे भी लैप्टोस्पायरॉसिस का कारण होने की आशंका जताई जा रही है। इन मामलों के अलावा 9 लोगों की मौत बुखार और 1 की मौत डेंगू के कारण होने की पुष्टि हुई है।बता दें कि केरल में बाढ़ के कारण पिछले कई दिनों में लैप्टोस्पायरॉसिस के कई मामले सामने आ चुके हैं। राज्य के स्वास्थ्य निदेशालय के मुताबिक केरल में 15 अगस्त से लेकर अब तक लैप्टोस्पायरॉसिस के कुल 159 मामले सामने आ चुके हैं। इसके साथ ही बाढ़ के कारण राज्य के 104 लोगों को डेंगू और 50 से अधिक को मलेरिया होने की पुष्टि की गई ,इनमें लैप्टोस्पायरॉसिस के 4-5 अन्य मरीजों की हालत बेहद गंभीर होने से अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढऩे लगी है। अधिकारियों का कहना है कि भले ही अभी बीमारियों का खतरा आपात स्थिति जैसा नहीं है, लेकिन लैप्टोस्पायरॉसिस के कारण 3-4 दिन के भीतर ही कई लोगों की मौत से सरकार चिंतित जरूर है। वहीं चिकित्सकीय विशेषज्ञों की माने तो केरल में वर्षा के बाद अगर जल्द ही गंदगी और बैक्टिरिया को रोकने के लिए जरूरी कदम नहीं उठाए जाते तो इससे बीमारियों का खतरा और बढ़ सकता है। बाढ़ की स्थितियों के बाद केरल के कई हिस्सों में वर्षा जनित बीमारियों के कारण कई लोगों की मौत हुई है। इस स्थिति को देखते हुए पिछले दिनों राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने एक 30 दिवसीय मास्टर प्लान भी बनाया था, हालांकि इसके बाद भी राज्य में बीमारियों की रोकथाम में कोई खास सफलता नहीं मिल सकी है।

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