ईरान ने ब्रिटेन के उप विदेश मंत्री अलिस्टर बर्ट दो दिवयीय दौरे पर शनिवार को तेहरान पहुंचने के मौके पर कहा कि अमेरिका के समझौते से हटने के बाद ईरान के परमाणु समझौते को बचाने के लिए यूरोपीय देशों को कार्रवाई करनी चाहिए।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान के साथ परमाणु समझौते से हटने और उस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने के बाद ब्रिटेन के किसी मंत्री का तेहरान का यह पहला दौरा है।सरकारी संवाद समिति ईरना ने विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ के हवाले से कहा,यह समय है कि यूरोपीय लोग अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धता को व्यक्त करने के अलावा कार्रवाई करें। ये उपाय महंगे हो सकते हैं, लेकिन यदि देश लाभ हासिल चाहते हैं और यदि उनका मानना है कि परमाणु समझौता एक अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि है, तो उन्हें इन उपलब्धियों को बरकरार रखने के लिए तैयार रहना चाहिए। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने बताया कि ट्रंप के परमाणु समझौते से हटने के बाद ईरान पर लगाये गये प्रतिबंधों के बावजूद ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देश परमाणु संधि को बनाये रखना चाहते हैं।टेलीविजन के अनुसार बर्ट ने ईरान के उप विदेश मंत्री अब्बास अराघची से तेहरान में मुलाकात की। अमेरिका के परमाणु समझौते से हटने के बाद दोनों मंत्रियों के बीच दोनों देशों के साथ आर्थिक सहयोग, वित्तीय और मौद्रिक संधियों पर मुख्य रूप से बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय विकास पर चर्चा की।बर्ट ने अपने दौरे से पहले एक बयान में कहा था कि जब तक ईरान परमाणु समझौते के तहत अपने वादों पर कायम रहता है तब तक वह इसको लेकर प्रतिबद्ध हैं। उनका मानना है कि क्षेत्र के सुरक्षित भविष्य और वहां की सुरक्षा सुनिश्चित करने का सर्वोत्तम तरीका यही है। ब्रिटेन के उप विदेश मंत्री ईरान में कैद ब्रिटिश नागरिकों को लेकर भी चर्चा कर सकते हैं। बर्ट अपने दो दिवसीय ईरान दौरे में गैर सरकारी संगठनों से भी मिलेंगे और सीरिया तथा यमन में चल रहे तनाव में तेहरान की भूमिका के बारे में भी चर्चा करेंगे।