देश मे 12 करोड़ बीड़ी पीते है, वो उसका 30 % धुंआ ही लेते है बाकी के 70% धुंआ वातावरण को नुकसान पहुंचाता है।
लखनऊ : तीन दिवसीय अमेरिका कालेज ऑफ फिजीशियन इंडिया चेप्टर कालेज 2018 के दूसरे दिन कई महत्वपूर्ण जानकारीयॉ दी गयी |इस कार्यशाला का आयोजन रमाडा होटल में शनिवार को किया गया , इसका दूसरे दिन का उद्घाटन किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय कुलपति प्रो एमएलबी भट्ट केे द्वारा किया गया उन्होनेे बताया कि हम बहुत सारी बीमारियों को जीवन शैली में बदलाव कर दूर कर सकते है। भारत एक उष्णकटिबंधीय देश है यहाँ पर लोगों को 3-5 लीटर पानी रोजाना पीना चाहिए। भारत की 90 प्रतिशत आबादी विटामिन डी की कमी से जूझ रही है जिसे हम साल में 40 दिन, 40 मीनट शरीर के 40 प्रतिशत अंगो को सूर्य की धूप में खुला रख कर दूर कर सकते है। इस अवसर डॉ रनदीप गुलेरिया, निदेशक, एम्स नई दिल्ली द्वारा एयर पॉल्युशन एवं लंग की बीमारियों पर डॉ. गुलेरिया ने बताया कि वातावरण में दो तरह का एयर पॉल्युशन है, घर के अंदर और घर के बाहर एयर पॉल्युशन। सेंट्रल इंडिया के 60- 70 प्रतिशत आबादी के घरों कर रसोईघर में चूल्हे का इस्तेमाल होता है तथा इनके घरो में वेंटिलेशन का अभाव है । ऐसी अवस्था में घर के सदस्यों खास तौर पे महिलाओं और बच्चों में खासी, ब्रोंकाइटिस, स्वांस की बीमारियों एवं बच्चों में निमोनिया आदि की परेशानिया होने लगती है। आउटडोर एयर पॉल्युशन में सेंट्रल इंडिया में साल के ज्यादातर एचपी वैल्यू डब्ल्यू एचओ के मानकों से ज्यादा रहती है। एयर पॉल्यूशन की वजह से दमा, ब्रोंकाइटिस सांस की नली में सूजन, खून की नली सुकुड़ने लगती हैं हार्ट पर असर पड़ता है, हार्ट अटैक की समस्या बढ़ जाती है। सिगरेट एवं बढ़े कोलेस्ट्रॉल के साथ एयर पॉल्यूशन भी हार्ट के लिए बहुत खतरनाक है। यह एक साइलेंट किलर है। इससे फेफड़ों के इंफेक्शन के चांसेज रहते है। एयर पॉल्यूशन को रोकने के लिये हमें आगे आना होगा । सरकार द्वारा भी इस पर काफी ध्यान दिया जा रहा। घर के अन्दर के पॉल्यूशन को कम करने में सरकार द्वारा संचालित उज्ज्वला योजना बहुत कारगर है। किसानों को पुआली जलाने से रोकना होगा, सरकार द्वारा इसके लिए भी विभिन्न इंसेंटिव दिया जा रहा है।