हैदराबाद। आन्ध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न दिए से नाराज और केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) अब कांग्रेस से हाथ मिला सकती है। सूत्रों की मानें तो तेलंगाना में होने वाले चुनाव और अगले साल लोकसभा चुनाव के लिए दोनों पार्टियां आपस में गठबंधन कर सकती हैं।सूत्रों का कहना है कि इस संगम के लिए पूर्व आईएएस अधिकारी के. राजू और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मधु गौड़ याश्की का काफी बड़ा योगदान है जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और टीडीपी मुखिया चंद्रबाबू नायडू के बीच यह समझौता कराने में सफल रहे। सूत्रों ने बताया, राहुल गांधी और चंद्रबाबू नायडू के बीच चुनावी प्रक्रिया को लेकर आपसी समझ बन चुकी है और वह तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के खिलाफ एक साथ उतरेंगे। हालांकि दोनों के बीच सीटों का बंटवारा अभी तय होना बाकी है।1981 बैच के आईएएस अधिकारी के. राजू कांग्रेस कोर टीम के हेड हैं और जिन्हें राहुल गांधी ने इस पद पर नियुक्त किया था। दलित नेता राजू पहले अगस्त 2013 से पार्टी की अनुसूचित जाति विभाग का नेतृत्व कर रहे थे। इसके बाद जनवरी 2018 में उन्हें कोर टीम की कमान सौंपी गई। राजू इससे पहले नायडू के अधीन भी काम कर चुके हैं जब वह मुख्यमंत्री थे। राजू ने ही संयुक्त आंध्र प्रदेश में महिलाओं के स्वयंसेवी समूहों का नेतृत्व किया था जिसने वैश्विक रूप से ध्यान आकर्षित किया था। वहीं मधु याश्की गौड़ निजामाबाद से पूर्व कांग्रेस सांसद रह चुके हैं। साथ ही राहुल के काफी करीबी भी माने जाते हैं। इस साल अगस्त में राहुल गांधी के यूरोप दौरे पर वह भी उनके साथ गए थे। सूत्रों के अनुसार, राजू और मधु के प्रयासों की वजह से राहुल और नायडू दोनों ही चुनावी समझौते के लिए तैयार हो गए जिससे दोनों को ही फायदा होगा। भले ही आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद चंद्रबाबू नायडू हैदराबाद से शिफ्ट हो गए हों लेकिन तेलंगाना के कई विधानसभा क्षेत्रों खासकर ग्रेटर हैदराबाद में टीडीपी की पकड़ अभी भी मजबूत है। 2014 चुनावों में टीडीपी-बीजेपी के गठबंधन ने 24 विधानसभा सीटों में से 14 सीटें जीती थीं। 2014 चुनावों से अब तक कई विधायक जो टीडीपी के टिकट से जीते थे वह टीआरएस में शामिल हो गए हैं। हालांकि टीडीपी अभी भी कई विधानसभा सीटों- जुबली हिल्स, सिकंदराबाद कैंट, सनाथनगर, सेरिलिंगमपल्ली, कुतबल्लापुर, एलबी नगर, महेश्वरम और राजेंद्रनगर में वर्चस्व बनाए है जिसे वह कांग्रेस के साथ गठबंधन करके इनकैश करना चाहेगी।
अगले साल चुनावों में उतर सकते हैं साथ-साथ, कांग्रेस-टीडीपी का गठबंधन?
