नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के संबंधित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने केंद्र से बढ़ते दामों के संबंध में जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 16 नवंबर को निर्धारित की है. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से भी कहा है कि 4 सप्ताह के अंदर वो केंद्र सरकार को प्रेजेंटेशन दे और बताये की कैसे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी आ सकती है.हालांकि हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि पेट्रोल-डीजल के दाम सरकार की नीति का हिस्सा हैं, कैसे इस पर कोर्ट आदेश दे सकती है. लिहाजा, 16 नवम्बर तक याचिकाकर्ता और केंद्र सरकार इस बाबत जवाब दायर करे.इस याचिका में एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट 1955 का हवाला देते हुए कहा गया है कि ये केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि आवश्यक वस्तुओं को सही दामों पर आम लोगों तक पहुंचाए. बीते दिनों से लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम के संबंध में कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि वो केंद्र को तुरंत निर्देश दे जिससे आम लोगों को कुछ रहत मिल सके.याचिका में कहा गया है कि तेल कंपनियां फिलहाल जिस रेट पर पेट्रोल और डीजल बेच रही है को सीधे तौर पर एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट 1955 के सेक्शन 3(1)का खुला उल्लंघन है. इसके लिए तेल कम्पनियों पर जुर्माना भी लगाया जाना चाहिए.
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