राफेल डील पर जंग जारी ! अब जेटली ने कहा डील नहीं होगी कैंसल

नई दिल्ली। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान की वजह से राफेल डील में कथित घोटाले के आरोप ने बड़ी राजनीतिक लड़ाई का रूप ले लिया है। पीएम मोदी पर राहुल गांधी और कांग्रेस ने हमला तेज करते हुए उनके इस्तीफे तक की मांग कर दी है। इस विवाद में वित्त मंत्री अरुण जेटली की भी एंट्री हुई है। जेटली ने राहुल गांधी और ओलांद के बीच जुगलबंदी के आरोप लगाए हैं। उन्होंने राहुल के एक पुराने ट्वीट का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें पहले से ही कैसे पता था कि ओलांद ऐसा बयान देंगे। हालांकि वित्त मंत्री ने कहा कि इस बात का सबूत नहीं है लेकिन मन में प्रश्न खड़ा होता है।आपको बता दें कि जेटली ने फेसबुक पर एक नोट लिख नए आरोपों के लिए राहुल गांधी पर निशाना साधा है। जेटली ने कहा है कि ओलांद के बयान परस्पर विरोधी हैं। जेटली ने कहा कि ओलांद के बयान और राहुल गांधी के ट्वीट योजनाबद्ध तरीके से सामने आए हैं। जेटली ने ओलांद के बयान और राहुल के ट्वीट में एक कनेक्शन होने की ओर इशारा किया है।वित्त मंत्री ने साफ कर दिया है कि इन आरोपों के बावजूद राफेल डील रद्द नहीं की जाएगी। पीएम मोदी की खामोशी पर भी जेटली ने कहा कि जिन्हें बोलना है वे बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि केवल इसलिए कि कोई असत्य का सहारा ले सकता है, इस तरह की बहस में पीएम के हिस्सा लेने का कोई मतलब नहीं है। आपको बता दें कि ओलांद ने पिछले दिनों यह कहकर राजनीतिक भूचाल ला दिया कि राफेल डील में ऑफसेट पार्टनर के रूप में रिलायंस के नाम का सुझाव भारत सरकार ने दिया था। ओलांद ने यहां तक कहा कि उनके पास दूसरा कोई ऑप्शन नहीं था।हालांकि बाद में ओलांद ने सफाई देते हुए कहा कि दसॉ कंपनी ही इस बारे में कुछ बता पाएगी। ओलांद का बयान फिलहाल कांग्रेस का राजनीतिक हथियार बना हुआ है। इस बीच अरुण जेटली एक बार फिर अपनी सरकार के बचाव में मैदान में उतर गए हैं। जेटली ने नोट में लिखा है कि यह विवाद फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयानों से शुरू हुआ है। जेटली ने ओलांद के दोनों बयानों का जिक्र करते हुए लिखा है कि एक बार उन्होंने कहा कि रिलायंस डीफेंस को भारत सरकार के सुझाव पर लिया गया। फिर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं कि भारत सरकार ने रिलायंस के लिए कोई लॉबीइंग की या नहीं। यह भी कहा कि इस डील में दसॉ ने ही चुनाव किया (पार्टनर ने पार्टनर को चुना)। जेटली ने लिखा कि सत्य के दो संस्करण नहीं हो सकते।जेटली ने अपने लेख में इस बात को भी मेंशन किया है कि फ्रांस सरकार और दसॉ एविएशन दोनों ने ही पूर्व राष्ट्रपति ओलांद के बयान का खंडन किया है। जेटली ने लिखा कि दसॉ ने खुद कहा कि उन्होंने कई पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर की कंपनियों के साथ मल्टिपल कॉन्ट्रैक्ट किया है। जेटली ने ओलांद के बयान में हितों के टकराव की भी बात कही है। वित्त मंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति का बयान गलत हो सकता है लेकिन परिस्थितियां झूठ नहीं बोलतीं। इसके बाद जेटली ने कुछ बिंदुओं में परिस्थितियों को लेकर सवाल उठाए हैं।

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