भूकंप और सुनामी की चपेट में आने से अब तक 832 की मौत

इंडोनेशिया। इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप में आए ताकतवर भूकंप और इससे पैदा हुई सुनामी की चपेट में आने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 832 हो गई है। रविवार को सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। इस बीच, भूकंप-सुनामी से सबसे अधिक प्रभावित पालू शहर में राहत एवं बचाव कर्मियों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। इस आपदा में जीवित बचे लोग मृतकों के शव बरामद करने में अधिकारियों की मदद कर रहे हैं।मृतकों में 11 लोग डोंगगाला के हैं और 821 पालू प्रांत के। अभी तक कुछ विदेशी नागरिक लापता हैं। लापता विदेशी नागरिकों में एक फ्रेंच, एक साउथ कोरिया और कुछ दूसरे देशों के नागरिक हैं। आपदा प्रबंधन एजेंसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि लोगों को घरों से निकालना और राहत कार्य अंजाम देने में काफी प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। इंडोनेशिया की सरकारी न्यूज एजेंसी अंतारा ने राष्ट्रीय आपदा एजेंसी के प्रमुख के हवाले से पालू में मारे गए लोगों का ताजा आंकड़ा बताया। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि 7.5 तीव्रता के भूकंप और सुनामी में पांच-पांच फुट ऊंची उठी लहरों की चपेट में आए हताहतों की संख्या बढ़ रही है, क्योंकि अब सुदूर इलाकों से नुकसान की सूचनाएं मिल रही हैं। एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा कि कम से कम 540 लोग बुरी तरह घायल हुए हैं। अस्पतालों को बड़ी संख्या में भर्ती किए जा रहे घायलों के इलाज में काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने कहा कि क्षेत्र में सेना को बुलाया गया है ताकि वह पीडि़तों तक पहुंचने और शवों को तलाशने में खोज एवं बचाव टीमों की मदद कर सके। कुछ सरकारी विमान राहत सामग्री लेकर पालू के प्रमुख हवाई अड्डे तक पहुंचे हैं। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि अगले कुछ दिनों तक यह हवाई अड्डा वाणिज्यिक उड़ानों के लिए बंद रहेगा। शुक्रवार की शाम को समुद्र तट पर जश्न की तैयारी में जुटे लोग लापता बताए जा रहे हैं। उनके बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिलने से चिंता की स्थिति बनी हुई है। यह जानकारी आपदा एजेंसी ने दी। करीब साढ़े तीन लाख की आबादी वाले पालू में शुक्रवार को सुनामी की चपेट में आने से मारे गए लोगों के शव समुद्र तट पर नजर आ रहे हैं।

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