नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के अलावा दूसरी सेवाओं के लिए आधार की अनिवार्यता को खत्म करने का आदेश दिया है। इससे उन सरकारी सेवाओं और एजेंसियों के लिए आधार को डीलिंक करने की परेशानी खड़ी हो गई है, जो अभी तक वेरिफिकेशन और एफिशिएंसी को सुधारने के लिए आधार के बायोमेट्रिक सिस्टम का इस्तेमाल कर रही थीं। इन सरकारी सेवाओं में पासपोर्ट, एंप्लॉयी प्रॉविडेंट फंड, डिजीलॉकर और राज्य सरकारों की दूसरी योजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा सरकार वोटर आईडी कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस को भी आधार से जोडऩे की योजना पर काम कर रही थी, जिस पर इस फैसले का असर पड़ सकता है।सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते सुनाए गए अपने फैसले में आधार एक्ट के सेक्शन 57 को खत्म कर दिया था, जिसके तहत अब प्राइवेट एजेंसियां और सरकारी संस्थाएं लोगों से पहचान साबित करने के लिए आधार की मांग नहीं कर सकती हैं। इसका मतलब यह है कि सिर्फ बैंक और टेलिकॉम कंपनियां नहीं, बल्कि सिक्यॉरिटीज ऐंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) जैसी संस्थाओं को भी अपने नियमों में बदलाव करना होगा, जिसने स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग कर लोगों के लिए आधार को अनिवार्य बना दिया था।आधार की फाउंडिंग टीम का हिस्सा रहे ए पी सिंह ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने जहां आधार को मजबूती दी है, वहीं अभी यह देखना बाकी है कि लोग अपनी इच्छा से आधार का इस्तेमाल ऑथेंटिकेशन के लिए करेंगे या नहीं। उन्होंने कहा, अगर ऐसा नहीं होता है तो आज के डिजिटल वर्ल्ड में हम उस समय की तरफ लौट जाएंगे, जब हाथों से कागज पर एंट्री की जाती थी। साथ ही यह भी हैरानी भरा नहीं होगा कि आने वाले समय में कोई नई टेक्नॉलजी इस शून्य को भरने के लिए सामने आ जाए। सिंह इस समय इंडिया पोस्ट टेक्नॉलजी सेंटर के चेयरमैन हैं। आधार को शुरुआत में कुकिंग गैस स्कीम से लेकर स्कॉलरशिप जैसी कई सब्सिडी योजनाओं से लिंक किया गया था। इसके पीछे गलत और फर्जी लाभार्थियों को सूची से हटाने और सरकारी खजाने के पैसे बचाने का इरादा था। हालांकि पिछले दो सालों में आधार का इस्तेमाल सिर्फ सब्सिडी योजनाओं तक हीं नहीं रुका, बल्कि दूसरी सरकारी सेवाओं को एफिशिएंट और सिटीजन फ्रेंडली बनाने के लिए भी किया जाने लगा। एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन (ईपीएफओ) ने जुलाई 2017 में पेमेंट सिस्टम को सरल बनाने के लिए पीएफ एकाउंट और यूनिवर्सल एकाउंट नंबर से आधार को जोडऩा अनिवार्य बना दिया था। ईपीएफओ के अधिकारी बताया कि उसके करीब 6 करोड़ सदस्यों में से करीब 5 करोड़ सदस्यों ने अपने एकाउंट आधार से लिंक करा लिए हैं। स्कूल बोर्ड एग्जाम और स्कॉलरशिप टेस्ट के लिए भी आधार को अनिवार्य बनाया गया था, इस पर भी अब सवालिया निशान खड़े होने शुरू हो गए हैं।
Related posts
-
September 30, 2024 ICN हिंदी Comments Off on रामलीला रिफ्रेश दशहरा पुरस्कार 2024 के लिए दिल्ली एनसीआर की रामलीला होगी सम्मांनित
रामलीला रिफ्रेश दशहरा पुरस्कार 2024 के लिए दिल्ली एनसीआर की रामलीला होगी सम्मांनित
नई दिल्ली। मीडिया प्रेस क्लब दिल्ली एनसीआर में उत्तम मंचन करने वाली रामलीला को जिला एवं... -
September 30, 2024 ICN हिंदी Comments Off on सोलेक्स एनर्जी ने ऐतिहासिक निवेश के साथ विज़न 2030 की घोषणा
सोलेक्स एनर्जी ने ऐतिहासिक निवेश के साथ विज़न 2030 की घोषणा
नई दिल्ली: भारत के अग्रणी सोलर ब्रांड सोलेक्स एनर्जी लिमिटेड (NSE: SOLEX) ने अपनी विज़न 2030... -
September 25, 2024 ICN हिंदी Comments Off on दिल्ली कैंट के संजय कैंप में मेडिकल टेस्ट और परामर्श शिविर का सफल आयोजन
दिल्ली कैंट के संजय कैंप में मेडिकल टेस्ट और परामर्श शिविर का सफल आयोजन
नई दिल्ली: मेजर डॉ. टीसी राव और प्राइमस सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सौजन्य से दिल्ली कैंट...