नई दिल्ली। सुहैब इलियासी को हाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फैसले पर उनकी सास खुश नहीं हैं। शुक्रवार को बेटी अंजू के कत्ल के आरोप से दामाद सुहैब इलियासी को कोर्ट ने बरी कर दिया, लेकिन उनकी सास रुकमा सिंह इस मामले को सुप्रीम कोर्ट तक ले जाने की बात कर रही हैं। बीमार होने के चलते रुकमा शुक्रवार को हाई कोर्ट नहीं पहुंच पाई थीं।रुकमा 17 साल से अपनी बेटी के लिए न्याय की लड़ाई लड़ रही हैं और किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटना चाहतीं। शुक्रवार को उन्हें अपनी पोती आलिया से पता चला कि हाई कोर्ट ने सुहैब को हत्या के आरोप से बरी कर दिया है। रुकमा ने कहा, यह साल बेहद दुखदायी रहा, निराशाओं से भरा रहा। शायद पोते के रिजल्ट्स के अलावा कुछ अच्छा नहीं रहा।रुकमा की अर्जी पर हाई कोर्ट ने साल 2014 में क्रूरता और दहेज की वजह से मौत के साथ-साथ हत्या का आरोप जोड़ा था। रुकमा ने बताया कि हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के सामने रखे तथ्यों और दलीलों को नजऱअंदाज किया, जिनके आधार पर सुहैब को हत्या का दोषी करार दिया गया था। बेटी अंजू के मौत से पहले दिए बयान पर कहते हुए रुकमा ने कहा, अंजू उस वक्त होश में नहीं थी, वह कैसे बात कर सकती थी? ऐसा लगता है कि हाई कोर्ट ने मुख्य बातों को ध्यान में नहीं रखा और फैसला सुना दिया। रुकमा ने बताया कि अंजू सुहैब के प्यार में पागल थी और उसके लिए सबकुछ सहने को तैयार थी। हाल में रुकमा ने बेटी अंजू की चीजें पोती आलिया को दीं। करीब 10 साल के बाद उन्होंने आलिया को देखा और पाया कि आलिया हुबहू अंजू जैसी दिखती हैं। उन्होंने कहा, आलिया बिल्कुल अपनी मां अंजू की तरह दिखती है। मुझे ऐसा लगा जैसे मैं फिर अपनी बेटी को देख रही हूं। सुहैब और आलिया अकसर उनसे मिलने आया करते थे लेकिन वह बार-बार कहती थीं कि वह वहां न आएं। वह कहतीं, केस चल रहा है और वह नहीं चाहतीं कि लोग कोई आरोप या कलंक लगाएं। इतने वर्षों के दौरान रुकमा ने आर्थिक और मानसिक सुकून खोया। वह कहती हैं, वे कहते हैं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ लेकिन निर्भया के कातिलों को अब तक सजा नहीं मिली, न्याय नहीं मिला। बीते साल दिसंबर में जब सुहैब को दोषी करार दिया गया था तब रुकमा ने कहा था, उसे दोषी करार दिया गया है और यही सबसे अहम बात है।
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