घूस देकर काम कराने वालों की तादाद देश में बढ़ी

नई दिल्ली। देश में घूस देकर काम कराने वालों की तादाद बढ़ गई है। इस साल 56 फीसदी लोगों ने माना कि उन्होंने अपना काम कराने के बदले रिश्वत दी, जबकि पिछले साल ऐसा 45 फीसदी लोगों ने माना था। करप्शन के मुद्दे पर एक ऑनलाइन सर्वे में यह खुलासा हुआ है। ‘इंडिया करप्शन सर्वे 2018 नाम से से जारी इस सर्वे में करप्शन और इससे जुड़े तमाम दूसरी बातों पर आम लोगों का रुख जाना गया।ट्रांसपेरेंसी इंटरनैशनल इंडिया और लोकल सर्कल्स की ओर से आयोजति इस सर्वे में आम लोगों को करप्शन की स्थिति पर राय देने को कहा गया था और बुनियादी जरूरतों को पूरा करते वक्त उनके सामने आने वाली मुश्किलों पर ध्यान केंद्रित करना था। यह सर्वे देश के 215 शहरों में रहने वाले पचास हजार लोगों से फीडबैक लेकर किया गया। इनमें 33% महिलाएं भी शामिल थीं। इस सर्वे में यह बात भी सामने आयी है कि लोग अपनी इच्छा से भी घूस देते हैं क्योंकि लोग अपना समय और ऊर्जा बर्बाद किए बिना आसानी से अपना काम कराना चाहते हैं। राज्यों की ओर से इच्छा की कमी भी सामने आई है क्योंकि केवल 34% ने कहा कि राज्य ने भ्रष्टाचार को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं लेकिन यह कदम प्रभावी नहीं थे। इस सर्वे में यह बात भी सामने आई कि लोगों को कानून का भी डर नहीं है। हाल ही में यह कानून पास किया गया कि रिश्वत देना अपराध है और इसके लिए 7 वर्ष का कारावास या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं। इसके बावजूद सर्वे में 23त्न ने यह स्वीकार किया कि अपना काम करवाने के लिए वह रिश्वत देना जारी रखेंगे क्योंकि उन्हें लगता है कि यह कानून प्रभावहीन होगा। वहीं 63% को लगता है कि नया कानून लोगों के उत्पीडऩ को बढ़ा देगा। वहीं 49% नागरिकों ने कहा कि किसी भी सरकारी अधिकारी की जांच करने के पहले सक्षम प्राधिकारी से पूर्व स्वीकृति लेना आवश्यक होने से रिश्वत और भ्रष्टाचार में वृद्धि होगी क्योंकि इससे भ्रष्ट अधिकारियों पर तुरंत मुकदमा चलाना मुश्किल हो जाएगा। सरकारी ऑफिसों में कम्प्यूटरीकरण होने के बावजूद घूस लेने के मामले जारी रहे। हालांकि सर्वे में सामने आया रोचक तथ्य यह है कि सीसीटीवी लगने से करप्शन पर लगाम लग सकता है। इसमें कहा गया कि केवल 13% लोगों ने उन सरकारी कार्यालयों में रिश्वत दी है, जहां सीसीटीवी लगे हुए थे।

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