चीन के विरोध के बावजूद बैठक में शामिल हुए किरण रिजिजू

नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश पर चीन के तमाम विरोध के बावजूद उसके मंत्री संग बैठक में अरुणाचल प्रदेश से सांसद और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू शामिल हुए। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकक्ष के साथ यह बैठक की थी। रिजिजू अरुणाचल प्रदेश से सांसद हैं। इसे क्षेत्र को चीन ‘विवादित’ मानता है। इस बैठक में भारत ने चीन से संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्थित जैश सरगना आतंकी मसूद अजहर पर लंबित आवेदन पर समर्थन मांगा है। नई दिल्ली ने साथ ही चीन से उल्फा नेता परेश बरुआ को शरण नहीं देने को भी कहा है।गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि रिजिजू, सिंह की अगुवाई वाले भारतीय दल का हिस्से थे लेकिन उनका नाम चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री झाओ केझी की अगुवाई वाले चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता के लिए शामिल नहीं था। अधिकारी ने बताया कि सिंह और झाओ के बीच बैठक होने ही वाली थी तभी अपने घर में मौजूद रिजिजू को एक संदेश भेजकर नॉर्थ ब्लॉक पहुंचने को कहा गया। संदेश मिलने के बाद गृह राज्य मंत्री नॉर्थ ब्लॉक पहुंचे और दोनों पक्षों के बीच प्रतिनिधिमंडल की बैठक में हिस्सा लिया जिसमें भारत-चीन ने सुरक्षा सहयोग सहमति पर हस्ताक्षर किए।गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। रिजिजू अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले हैं जिसे चीन ‘विवादित’ क्षेत्र मानता है। चीन अरुणाचल प्रदेश के लोगों को नियमित वीजा जारी नहीं करता है बल्कि नत्थी वीजा देता है जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया है। भारत कई मौकों पर साफ र चुका है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है। अप्रैल 2017 में दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के दौरान चीन ने चेताया था कि वह अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता और हितों के संरक्षण के लिए जरूरी उपाय करेगा और कहा था कि भारत ने हठपूर्वक तिब्बती आध्यात्मिक नेता को पूर्वोत्तर के ‘विवादित’ हिस्से में यात्रा की इजाजत दी है जिससे द्विपक्षीय रिश्तों को ‘गंभीर नुकसान’ पहुंचा है। चीन ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर आपत्ति जताई थी।

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