नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मनाही के बावजूद कई चर्चित टेलिकॉम कंपनियां मोबाइल सिम जारी करते वक्त ई-केवाईसी के रूप में आधार का इस्तेमाल कर रही हैं। यही नहीं, कई टेलिकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों ने बताया कि ई-केवाईसी या आधार के बायोमीट्रिक की सुविधा का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसमें पेपरवर्क करने में समय बर्बाद नहीं होता और उपभोक्ताओं को आसानी से सिम मिल जाता है।टेलिकॉम कंपनियों के प्रतिनिधियों ने डिपार्टमेंट और टेलिकॉम (डीओटी) के द्वारा इस पर कोई निर्देश न जारी किए जाने को दर्शाते हुए यह कहा कि वे ई-केवाईसी आधार का तब तक इस्तेमाल करते रहेंगे, जब तक इसे सरकार द्वारा प्रतिबंधित नहीं किया जाता है। एक जानी-मानी कंपनी के अधिकारी ने कहा, हम सुविधा को रोकने के लिए इस मामले में डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम के निर्देशों का इंतजार करेंगे।यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( यूआईडीएआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि टेलिकॉम कंपनियां सुप्रीम कोर्ट के आदेश से अलग हो सकती हैं। अधिकारी ने बताया, हमने डीओटी को इस मुद्दे पर आगाह किया था। उन्हें इस मुद्दे को निपटाना होगा। गौरतलब है कि 1 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश को चिन्हित करते हुए यूआईडीएआई ने टेलिकॉम कंपनियों को इस बात की लिखित जानकारी दी, आधार सेवाओं का इस्तेमाल मोबाइल कनेक्शन लेने या मोबाइल वेरिफाई करने के लिए नहीं किया जा सकता है। इसके साथ ही 15 अक्टूबर तक ऑपरेटर्स को प्लान उपलब्ध कराने के लिए भी कहा गया था ताकि आधार से होने वाले प्रमाणीकरण को रोका जाए। यूआईडीएआई ने कहा, यदि अथॉरिटी (यूआईडीएआई) को इस बारे में नियत समय तक कोई जानकारी नहीं मिलती है तो बिना किसी नोटिस के प्रमाणीकरण सेवाओं को समाप्त कर दिया जाएगा।26 सितंबर को आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश से टेलिकॉम इंडस्ट्री काफी निराश हैं क्योंकि उनका मानना है कि ईकेवाईसी उपभोक्ताओं के सत्यापन के लिए एक आसान और तेज माध्यम है जबकि पेपर आधारित प्रमाणीकरण के वक्त पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और वोटर आईडी जैसी चीजों की आवश्यकता होती है, जिसमें काफी वक्त लग जाता है।एक अन्य अधिकारी ने कहा, इस वक्त मोबाइल कंपनियां क्या कर रही हैं, इसमें कुछ भी गैरकानूनी जैसा नहीं है। हम फिलहाल जजमेंट पढ़ रहे हैं। हमें मोबाइल कंपनियों को एक निश्चित समय देना होगा ताकि नई प्रक्रिया को लाया जा सके। सरकार ने हाल ही में कहा है कि आधार के जरिए होने वाले ईकेवाईसी सत्यापन को प्रतिबंधित किए जाने के बाद मोबाइल सिम जारी करते वक्त कोई मुश्किल न आए इसके लिए उनके पास एक नई योजना है। यूआईडीएआई और डीओटी ने अपने बयान में कहा, उनके द्वारा प्रस्तावित प्रक्रिया में व्यक्ति का लाइव फोटोग्राफ लिया जाएगा। इसके साथ ही शख्स की आईडी जैसे कि आधार कार्ड, वोटर कार्ड या ड्राइविंग लाइसेंस आदि की तस्वीर ली जाएगी। सिम कार्ड एजेंट ओटीपी के जरिए वेरिफिकेशन करेगा और सिम जारी कर देगा। यह पूरी प्रक्रिया बहुत आसान और डिजिटल है।
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