नई दिल्ली। विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) गुरुवार से अयोध्या में विवादित जमीन पर राम मंदिर के निर्माण के लिए अभियान तेज करने की योजना बना रही है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को जनवरी तक के लिए टाल दिया है। वीएचपी के सदस्य राम मंदिर के निर्माण पर समर्थन जुटाने के लिए विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के सांसदों से संपर्क करेंगे।वीएचपी नेताओं ने बताया कि संगठन दिसंबर से एक अध्यात्मिक प्रचार शुरू करेगी, जिसके तहत इसके सदस्य देश भर की चुनिंदा जगहों पर बैठक करेंगे। साधु-संत घूम-घूम कर लोगों को अयोध्या में मंदिर की जरूरत समझाएंगे। 31 जनवरी को प्रयाग में 500 से ज्यादा हिंदू संतों की एक धार्मिक संसद बुलाई जाएगी, जिसमें इस बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा कि अगर सरकार कोई कानून नहीं लाती है तो राम मंदिर का निर्माण कैसे किया जाएगा।सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद वीएचपी ने अयोध्या में राम मंदिर को बनाने के लिए कानून लाए जाने की मांग को फिर से दोहराया। संगठन ने जोर देकर कहा कि आगामी शीत सत्र के दौरान सरकार को अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाने पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा, हमारी योजना सभी पार्टियों के सांसदों के पास जाकर यह समझाना है कि उन्हें चुनने वाले मतदाता अयोध्या में राम मंदिर देखना चाहते हैं। आज के राजनीतिक माहौल को देखते हुए शायद ही कोई ऐसी पार्टी होगी जो इससे सहमत नहीं होगी। साथ ही हम यह सरकार के विवेक पर छोड़ते हैं कि वह राम मंदिर निर्माण के लिए कैसे शीत सत्र के दौरान कानून लाती है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई को पिछले सात सालों से टाला जा रहा है। कुमार ने कहा कि इस मामले पर अनंत काल तक इंतजार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा, हम केंद्र सरकार से फिर अपनी मांग दोहराते हैं कि अयोध्या में भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने के एक कानून लाएं।
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