जकार्ता। फ्लाइट का मिस होना किसी के लिए बहुत बड़ी समस्या हो सकती है लेकिन सोनी सेतियावान नाम के शख्स के लिए यह ईश्वरीय वरदान जैसा हो गया। सोमवार को इंडोनेशिया की विमानन कंपनी लॉयन एयर के बोइंग विमान की दुर्घटना में सवार सभी 189 लोगों की मौत हो गई। मौत का यह आंकड़ा 190 भी हो सकता था, लेकिन सेतियावान सौभाग्यशाली रहे कि ट्रैफिक जाम में फंस कर उनकी फ्लाइट मिस हो गई।बोइंग में इंडोनेशिया की फाइनैंस मिनिस्ट्री के करीब 20 कर्मचारी भी सवार थे। इनमें आधा दर्जन सेतियावान के सहयोगी थे। सोनी सेतियावान ने एएफपी से बात करते हुए बताया कि मैं जानता हूं कि मेरे दोस्त उस फ्लाइट में थे। फ्लाइट मिस होने के बाद सेतियावान दूसरी फ्लाइट से पंगकल पिनॉन्ग एयरपोर्ट पर पहुंचे तो उन्हें इस हादसे की जानकारी मिली। इंडोनेशिया का लॉयन एयर विमान सोमवार को जकार्ता से उड़ान भरने के कुछ मिनटों बाद ही क्रैश हो गया। विमान जेटी-610 जकार्ता से पंगकल पिनॉन्ग जा रहा था। टेक ऑफ के 13 मिनट बाद ही विमान का संपर्क टूट गया था। बताया जा रहा है कि संपर्क टूटने से पहले पायलट ने प्लेन की वापसी का सिग्नल दिया था। सेतियावान ने एएफपी को बताया कि सामान्य रूप से वह और उनके साथी इसी फ्लाइट को ही लेते थे। उन्होंने कहा कि पता नहीं सोमवार को टोल रोड पर ट्रैफिक इतना बुरा क्यों था। अक्सर वह जकार्ता सुबह 3 बजे तक पहुंच जाते हैं, लेकिन हादसे के दिन वह सुबह 6:20 पर पहुंचे और उनकी फ्लाइट मिस हो गई। लॉयन एयर के मुताबिक इस फ्लाइट को एक घंटे 10 मिनट में पंगकल पिनॉन्ग पहुंचना था। फ्लाइट में 181 यात्री सवार थे जिनमें एक बच्चा और दो नवजात भी शामिल थे। इसके अलावा 8 क्रू मेंबर्स थे। ये सभी 189 लोग विमान हादसे में मारे गए। हादसे के बाद राहत एवं बचाव अभियान में जुटे कर्मियों को सोमवार को जावा सागर में मानव अवशेष, विमान का मलबा और यात्रियों के निजी सामान मिले हैं। परिजनों ने हवाई अड्डों पर राहत केन्द्रों पर एकत्र होकर अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी जुटाने का प्रयास किया। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने दुर्घटना की जांच के आदेश दिये हैं और इंडोनेशियाई जनता से प्रार्थना करने का अनुरोध किया है।
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