न्यूयॉर्क। पत्रकारों के हत्यारों को सजा दिलाने के मामले में भारत काफी पीछे है। अमेरिका की एक गैर-लाभकारी संस्था कमिटी टु प्रॉटेक्ट जर्नलिस्ट की एक वैश्विक सूची में यह जानकारी सामने आई है। इस लिस्ट में उन देशों को शामिल किया गया है जहां पत्रकारों की हत्या की गई और मामलों की जांच अब भी लटकी हुई है। भारत को इस सूची में 14वें स्थान पर रखा गया है। चिंता की बात है कि यह लगातार 11वां साल है जब भारत को इस सूची में रखा गया है।साल 2018 के इंडेक्स में भारत सहित 14 देशों को शामिल किया गया है। इनमें सोमालिया, सीरिया, इराक, दक्षिणी सूडान, फिलिपींस, अफगानिस्तान, मेक्सिको, कोलंबिया, पाकिस्तान , ब्राजील, रूस, बांग्लादेश और नाइजीरिया भी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शीर्ष स्थान पर मौजूद सोमालिया में हालात में सुधार का दावा किया गया है जबकि 14वें स्थान पर मौजूद भारत के बारे में कहा गया है कि वहां हालात बिगड़े हैं और कुल 18 मामलों को अब तक सुलझाया नहीं गया है। वहीं, भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में हालात में सुधार का दावा किया गया है।ताजा रिपोर्ट 1 सितंबर 2008 से 31 अगस्त 2018 के बीच पत्रकारों की हत्याओं के आंकड़े का विश्लेषण कर तैयार की गई है। इस इंडेक्स में सोमालिया पहले स्थान पर है जबकि दो देश- अफगानिस्तान और कोलंबिया फिर से शामिल किए गए हैं। अफगानिस्तान के काबुल में पत्रकारों के समूह को निशाना बनाते हुए आत्मघाती हमला किया गया था, जबकि कोलंबिया में मादक पदार्थों के तस्करों ने इचडोर के पत्रकार का अपहरण कर हत्या कर दी थी।
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