नई दिल्ली। 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद भड़के सिख विरोधी दंगे मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। अवतार सिंह और हरदेव सिंह हत्या के मामले में दोषी यशपाल सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई। वहीं दोषी नरेश सेहरावत को उम्रकैद की सजा को सुनाई गई है। 34 साल बाद पटियाला हाउस कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है। बता दें कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अजय पांडेय ने दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर इलाके में रहने वाले हरदेव सिंह और अवतार सिंह की हत्या के मामले में नरेश सहरावत और यशपाल सिंह को दोषी माना है। मृतक हरदेव सिंह के भाई संतोष सिंह की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली पुलिस ने साक्ष्य के अभाव में इस मामले को 1994 में बंद कर दिया था, किंतु दंगों की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने इस मामले की फिर से जांच की और उसे अंजाम तक पहुंचाया। अदालत ने दोनों को भारतीय दंड संहिता के तहत हत्या (302) हत्या का प्रयास (307) डकैती (395) के अलावा 324, 452 और 436 समेत अन्य धाराओं में दोषी माना है। दोषी ठहराए जाने के बाद दोनों को पुलिस हिरासत में ले लिया गया था।
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