डॉ. नौशीन अली, ब्यूरो चीफ-ICN मध्य प्रदेश
‘गिरना संभलना
फिर उठकर खड़े हो जाना
कभी हिम्मत न हारना’’
भोपाल। आज कल की इस भाग–दौड़ भरी लाइफ में इंसान इतना व्यस्त हो गया है, कि उसे अपनी सेहत की परवाह किये बिना ही बस दौड़े जा रहा है। इस भाग–दौड़ में उसको चोट भी लग जाती है या खेलते वक़्त जिसे हम स्पोर्ट्स इंजरी कहते है पर वो उसको नजरअंदाज़ कर देता है हमें ऐसी चोटों को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए। कई बार ऐसी चोटे बड़ा रूप ले लेती है।
चोट या इंजरी सिर्फ जवान को नहीं बच्चे बूड़ो को भी लग जाती है सबके अपने अलग कारण होते है।
चोट का लगना मौसम पर भी निर्भर करता है क्योंकि जब चोट लगती है तो खून निकलता है चुकी गर्मी के मौसम में आर्टेरिअल वासोडाईलेटेशन (धमनी (फैलना)– गर्मी के कारण होता है तो ब्लड पी.एच.में भी बदलाव देखा जाता है खून में बदलाव की वजह से जब गर्मी के मौसम में चोट लगती है तो खून ज़्यादा निकलता है।
इसी के उल्टा ठण्ड का मौसम है उसमें वासोकॉन्सट्रिक्शन (धमनी सिकुड़ना) होता है तो खून कम निकलता है हमको जो चोट लगी है उसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए कई बार लोग चोट को मसाज करवा कर उसको खुद ही गंभीर बना लेते है जबकि कभी भी चोट को मलवाना नहीं चाहिए अगर कभी जब चोट लग जाये उसमे सूजन आने लगे पर दर्द न हो तो डरने की कोई ज़रुरत नहीं है।
एक्यूट इंजरी— इसके जो लक्षण आते है अचानक से दर्द करराहट जो ज़्यादातर खेलते वक़्त या गिर जाने से आदि अचानक गतिविधियों से होता है जो दर्द मासपेशियो और टेंडन में होता है।
चोट लगे हिस्से में अचानक से सूजन आ जाना नीला पड़ने लगना क्योंकि ब्लड सर्कुलेशन कम होने के कारण स्प्रेन जिसे हिंदी में मोच कहते है इस में दर्द सूजन कोई मूवमेंट करने में तकलीफ होना।
एक्यूट इंजरी अपनी चोट की देखभाल करे इसका एक फार्मूला है (PRICE)
P-अपनी चोट को प्रोटेक्ट करके रखे
R-आराम करे 2 से तीन दिन
I-बर्फ लगाए बर्फ लगाने से सूजन दूर होगी (कभी भी बर्फ को सीधे उपयोग में न ले किसी कपड़े में रखकर ले
C- किसी सपोर्ट की सहायता से कंप्रेस करके रखे (बैंडेज बांधने से चोट लगा एरिया का कम उपयोग होगा पर बैंडेज रात को सोते वक़्त उतर दे)
E- किसी सोफे या तकिये की मदद से चोट को थोड़ा ऊपर उठा कर रखे (चोट वाले हिस्से को थोड़ी देर ऊँचा करके रखे ताकि खून का बहाव सही से बहे)
एक फार्मूला है (HARM) वो बिलकुल न करे
H-गर्म से सिकाई से ब्लड फ्लो बढ़ता है और सूजन बड़ जाती है तो ऐसा न करे
A-अल्कोहल पिने से खून ज़्यादा बहने लगता हैद्ध
R-ज़्यादा चलना फिरना बंद करे आराम करेद्ध
M- मसाज न कराये इससे और चोट बढ़ सकती है सूजन आदि
क्रोनिक इंजरी चोट) में धीरे–धीरे लक्षण आते है शुरू धीमा दर्द होगा जिसे मरीज ज़्यादातर नजरअंदाज़ कर देते है उन्हें ये नहीं करना चाहिए वो दर्द पुराना हो जाता है इस चोट में हमें थोड़ा ध्यान देना चाहिए क्योंकि ये पुरानी हो चुकी होती है, तो ब्लड सर्कुलेशन भी धीमा हो जाता है, तो ऐसे में पहले गर्म सिकाई फिर मिनट बाद ठंडी सिकाई करे, जिससे सामान्य तोर पर सर्कुलेशन ठीक हो सके।
क्रोनिक चोट में ये फार्मूला फॉलो करे (MEAT)
मिट. M – मूवमेंट कम
ई. थोड़ा एक्ससरसाइज
ए. अनलजेसिक
टी. ट्रीटमेंट
चोट एक बड़ा टॉपिक है, फिर भी कुछ शब्दों में मैंने ऐसे समझाने की कोशिश की है। उम्मीद है आप सबको पसंद आएगा, आप सब स्वस्थ रहे, और किसी भी चोट को कभी भी पुराना न होने दे।