नई दिल्ली। ऑल इंडिया किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) के नेतृत्व में देशभर से हजारों किसान शुक्रवार को दिल्ली पुलिस से इजाजत मिलने के बाद फसलों के उचित दाम और कर्जमाफी की मांग को लेकर दिल्ली के संसद मार्ग पहुंच गए। किसान मुक्ति मार्च का आयोजन करने वाले संगठन अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति (एआईकेएससीसी) को आधी रात को प्रदर्शन करने के लिए जरूरी इजाजत मिल गई थी। संसद मार्ग पर एक विशाल मंच बना था जिसपर देश के किसान नेताओं और विभिन्न दलों के राजनीतिज्ञों ने विशाल भीड़ को संबोधित किया। मंच पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता अतुल कुमार अनजान, स्वराज्य अभियान के नेता योगेन्द्र यादव, नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेता मेधा पाटकर, किसान मुद्दे पर लिखनेवाले मशहूर पत्रकार पी साई नाथ, डॉ. सुनीलम, समेत कई प्रमुख नेता एवं संसद भी मौजूद थे। रामलीला मैदान से निकली यह ऐतिहासिक रैली संसद मार्ग पर एक विशाल धरना प्रदर्शन में बदल गयी और वक्ताओं ने तीन घंटे तक किसानों को संबोधित किया।वक्ताओं ने मोदी सरकार पर तीखे हमले करते हुए उसे जुमलों की सरकार बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने से पहले किसानों के लिए जो भी वादे किये थे उसमें से एक भी वादा नहीं निभाया। बल्कि उनके साथ धोखा किया। वक्ताओं ने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही और उसके कार्यकाल में पेट्रोल और डीजल ही नहीं, किसानों के खाद, बीज और बिजली के भी दाम बढ़ गये और उनके कर्ज माफ नहीं किये जबकि देश में आज हर 45 मिनट पर कहीं न कहीं कोई किसान आत्महत्या कर रहा है।वक्ताओं ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने अब तक कॉर्पोरेट जगत को दस लाख करोड़ रुपये करों में छूट दी है और साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कर्ज माफ कर दिए जबकि किसान अपने कर्ज न चुकाने पर जेल की सजा भुगत रहा है। वक्ताओं ने मोदी सरकार से स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट लागू करने एवं किसानों से जुड़े दो महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने और संसद का एक विशेष सत्र कृषि संकट पर बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों की मांगें मानने की जगह समाज में दंगे फैलाने और मंदिर मस्जिद के मुद्दे को हवा दी रही है।इस मौके पर सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर ने पत्रकारों से पुष्टि करते हुए कहा कि रैली के लिए इजाजत 12 बजे मध्यरात्रि को मिल गई थी। मध्य दिल्ली के रामलीला मैदान से सुबह 10 बजे शुरू हुआ यह मार्च पूर्वाह्न् 11.30 बजे संसद मार्ग पहुंचा। पाटेकर ने प्रदर्शन मार्च की अगुवाई की और किसानों ने केंद्र में भाजपा सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ नारे लगाए। उन्होंने कहा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने रैली में हिस्सा लेने की पुष्टि की है। इसके अलावा नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव भी यहां किसानों को संबोधित कर सकते हैं। कई महिला किसान और दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों को किसानों के पक्ष में नारे लगाते देखा गया। किसानों के कई समूह ने एआईकेएससीसी के बैनर तले गुरुवार को दिल्ली के निजामुद्दीन, सब्जी मंडी स्टेशन, आनंद विहार टर्मिनल और मजनू का टीला से रैली निकाली। स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने ब्रिजवासन से रामलीला मैदान तक 26 किलोमीटर की प्रदर्शन रैली निकाली, जिसमें ओडिशा, हरियाणा और राजस्थान के किसान शामिल हुए।कई लड़कियां जिनके किसान पिता ने आत्महत्या कर ली थी, उन्होंने अपने गले में अपने दिवंगत पिता की फोटो लटकाकर रैली में हिस्सा लिया। शुक्रवार की रैली एआईकेएससीसी द्वारा आयोजित चैथी बड़ी रैली है, जिसमें 200 से ज्यादा किसान संगठनों ने हिस्सा लिया।
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