ग्रामीणों की गांव बचाने की जंग।

By: Deepak Singh Bisht, Bureau Chief-ICN Uttarakhand 
नैनीताल। एनजीटी ने ग्राम सक्खनपुर रामनगर जिला नैनीताल में निर्माणाधीन दो स्टोन क्रशर के निर्माण पर रोक लगा दी है।राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने ग्राम सक्खनपुर के तीन ग्रामीणों अनिल पुरी, पवन पुरी  और शीतल सरीन  की याचिका पर  सुनवाई करते हुए ग्राम सक्खनपुर मैं निर्मित हो रहे  मैसर्स मनराल  स्टोन और  आर के अग्रवाल  एग्रीफॉर्म  के स्टोन क्रशर  के निर्माण पर  यथास्थिति कायम रखते हुए आगामी सुनवाई तक निर्माण पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि  बीते लंबे समय से ग्रामीण गांव में कृषि, बागवानी और जनस्वास्थ्य और पर्यावरण को संभावित भारी नुकसान को देखते हुए स्टोन क्रशर स्थापित करने का विरोध कर रहे थे। बीते दिनों उक्त स्टोन क्रशरों के निर्माण  के लिए मानकों  की जांच करने के लिए गई प्रशासन  की टीम को भी ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था और बाद में  उन्हें  लेजर  के माध्यम से पैमाइश को मजबूर होना पड़ा अधिकारियों द्वारा  कोई सुनवाई ना होने पर ग्रामीणों ने अंततः नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल/  एनजीटी  की शरण ली जहां पर पूरे मामले पर रिपोर्ट मंगाने के बाद  एनजीटी ने सक्खनपुर में स्टोन क्रेशरों के निर्माण पर रोक लगा दी है और साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिलाधिकारी नैनीताल और राज्य सरकार के उद्योग विभाग को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। एनजीटी में ग्रामीणों की पैरवी एडवोकेट दुष्यन्त मैनाली कर रहे हैं।

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