भारतीय रेलवे ने किया अहम बदलाव
नई दिल्ली। रेलवे ने एक ऐसा निर्णय लिया है जिस कारण केहरो में रेलगाडिय़ों की रफ्तार धीमी नहीं पड़ेगी। दरअसल, रेलवे बोर्ड ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए यात्री रेलगाडिय़ों की निगरानी का अधिकार डिवीजन को दे दिया है। अभी तक यह काम जोनल रेलवे के अधिकारी कर रहे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि इस निर्णय से ट्रेन बिना लेट हुए समय पर अपने गंतव्य पर पहुंच सकेंगी।यह पहली बार होगा जब डिवीजन स्तर पर ट्रेन समयपालन की निगरानी जोनल रेलवे की बजाय डिवीजन से कराई जाएगी। आदेश में कहा गया है कि रेलवे सूचना प्रणाली (क्रिस) सभी डिवीजन के एडीआरएम के यूजर आईडी व पासवर्ड सिस्टम में अपलोड कर दे। ताकि ट्रेन समयपालन निगरानी की प्रणाली में उनका दखल संभव हो।इसमें मकसद यह है कि रेलगाडिय़ों को समय पर चलाने, कर्मियों की जवाबदेही तय करने, प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार करने के अधिकार एडीआरएम के पास होंगे। रेलवे बोर्ड ने इस बार 15 दिसबंर से रेलगाडिय़ों को अधिकतम 75 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पर चलाने के आदेश दिए हैं। जबकि हर साल रेलगाडिय़ों को 50-60 किलोमीटर की रफ्तार पर चलाया जाता रहा है। रेलवे बोर्ड ने यह फैसला अधिकांश ट्रेन इंजनों के ड्राइवरों को फॉग सेफ डिवाइस देने के बाद लिया है। जीपीएस आधारित इस उपकरण की मदद से ड्राइवरों को सिगनल का पता पहले ही चल जाता है और ट्रेन धीमी नहीं करनी पड़ती।