त्रिपुरा के जलिफा गाँव में ज्वालामुखी सक्रिय होने की आशंका

अगरतला। त्रिपुरा के जलिफा गाँव में एक ज्वालामुखी सक्रिय होने की प्रक्रिया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार उक्त गांव में तरल व ज्वलनशील, जमीन से बाहर निकल रहे हैं। इस बात की सूचना जैसे ही प्रशासन के पास पहुंची भूगर्भ वैज्ञानिक सक्रिय हो गए हैं। इससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। यह धीरे-धीरे त्रिपुरा राज्य सरकार के लिए भी चिंता का विषय बन रहा है। गौरतलब है कि उत्तर पूर्व भारत भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील है माना जाता रहा है। इससे पहले इंडोनेशिया में पिछले सप्ताह एक द्वीप पर ज्वालामूखी फटने से भयंकर सुनामी आयी थी, जिसमें 400 से ज्यादा लोगों की मौत और हजारों लोग घायल हुए थे। इस साल की यह तीसरी घटना है जो बांग्लादेश में चटगांव के बहुत करीब है। इससे पहले अप्रैल के मध्य में बैष्णवपुर और घाघरबस्ती में आग और गैस के साथ लावा जैसा तरल पदार्थ फूटा था। हाल ही में कुछ दिनों पहले हुई एक घटना में जलिफा के स्थानीय ग्रामीण सड़क के किनारे बिजली के पोल के निचले हिस्से से लावा निकलने से डर गए थे और आग बुझाने वाली टीम और स्थानीय पुलिस को मामले की सूचना दी गई थी। इस बीच त्रिपुरा सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिकों ने भी जलिफा गांव के घटनास्थल का दौरा किया है। घटनास्थल की जांच करने और घटनास्थल से एकत्र किए गए नमूनों का विश्लेषण करने के बाद उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि आग, धुआं और जमीन से बाहर निकलने वाली अन्य सामग्री भूमिगत टेक्टोनिक प्लेटों के विस्थापन के साथ उस क्षेत्र से गुजरती है, जो घटना के कारण भारी गर्मी पैदा कर रही है। हालांकि, त्रिपुरा स्पेस एप्लिकेशन सेंटर में वैज्ञानिक टीम का नेतृत्व कर रहे अविसेक चौधुरी ने कहा कि लावा या सक्रिय ज्वालामुखी के फटने की बहुत कम संभावना है। इधर त्रिपुरा के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण मंत्री सुदीप रॉय बर्मन ने चिंता व्यक्त की है।

Share and Enjoy !

Shares

Related posts