विमोक्ष जैसी फिल्म मेरे निर्देशन के लिए बिल्कुल उपयुक्त : धीरज मिश्र

धीरज मिश्र जो की जय जवान जय किसान और चापेकर ब्रदर्स जैसी फिल्म लिख चुके है जल्द ही निर्देशन की दुनियाँ में कदम रख रहे हैं वो फिल्म हैं विमोक्ष I यह फिल्म एक लड़के की कहानी पर आधारित है जो सांसारिक बंधन से मुक्त एक नयी राह विमोक्ष की तलाश में निकल पड़ता हैं I इस फिल्म की शूटिंग का पहला हिस्सा इलाहाबाद के कुंभ से शुरू हो रहा है I लखनऊ के तुषार पूर्वर फिल्म में मुख्य भूमिका में हैं जिनका चयन एक लम्बे आडिशन के बाद हुआ…

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यूँ तो आधुनिक हो चले है हम, चाँद पर जीवन की परिकल्पना है और जमीनी हकीकत ऐसी कि नफरत ही हो जाएं!

By: Amit Pandey, Asstt. Editor-ICN Uttarakhand ‘उत्‍तराखंड में पीरियड्स के दौरान महिलाओं के अलग रहने के लिए सरकारी पैसे से बन रहा सेंटर’ नैनीताल। उत्‍तराखंड में पीरियड्स के दौरान महिलाओं के अलग रहने के लिए सरकारी पैसे से बन रहा सेंटर, उत्तराखंड के चंपावत जिले के दूरदराज गांव गुरचम में सरकारी फंड से एक ऐसी इमारत बनवाई जा रही है, जहां पीरियड्स के दौरान घर से बाहर रहने को मजबूर महिलाओं और लड़कियों को अस्थायी तौर पर यहां रखा जाएगा.दुनिया बदली, परंपराएं, रूढ़ियां, सोच सब कुछ बदला; लेकिन महिलाओं के पीरियड्स…

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आंकड़ें जीवन नहीं होते

तरुण प्रकाश, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप  जैसे सारे कोमल कोमल बच्चे बन गये हैं उस बड़ी मशीन के छोटे छोटे पुर्जे जिसमें पहले से ही भरा है दुनिया का समूचा प्रबंध तंत्र! ओह! यह कैसा छल है, यह कैसा षड्यंत्र!! इस मशीन में भरा जाता है बचपन और किशोरावस्था के स्वप्नों का ताजा लहू, मुलामियत से भरी लचीली देह के, सूख कर लकड़ी बन जाने तक का पूर्व नियोजित श्रम और नित्य की अरुचिकर जूझन एवं उनसे उपजी हताशा और निराशा और बदले में मशीन उगलती है मात्र असीमित प्रोद्योगिकी और…

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ज़िन्दगी फुटपाथ पर

अमिताभ दीक्षित ,लिटरेरी एडिटर-ICN ग्रुप मेरे छू देने से जो सरासरा सी उठती है तमन्ना है कि उसके जानिब कोई अफसाना कहूं कुछ ऐसी बात बहुत नजदीक से छू ले उसे कुछ ऐसे लफ्ज़ जो जा बैठे हैं उसकी पलकों पर पंछियों के शोर से सुबह की सुगबुगाहट  आए नींद अभी बाकी हो लैंप पोस्ट  बुझ जाए और जिंदगी  उनींदी सी करवट बदल के सो जाए……….थोड़ी देर और……….. थोड़ी देर बाद फिर ताके यूं टुकुर टुकुर डूबते तारों की चमक आंखें मिचियाए बुरा  सा  मुंह बना के उठ बैठे फेंक  के चादर कूद चारपाई से तेज कदमों…

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बेबाक कलम को दबाने की कोशिशों को कोर्ट का झटका, विधायक को हाईकोर्ट से नोटिस जारी

By: Amit Pandey, Asstt. Editor-ICN Uttarakhand नैनीताल। लोकतंत्र में कलम को तलवार से ज्यादा ताकतवर कहा गया है लेकिन बेबाक कलम को दबाने की कोशिश, विद्रूप राजनीति करती रहती है। दि संडे पोस्ट में अपनी बेबाक लेखनी से उत्तराखंड के राजनीतिज्ञों की विफलताओं को बेपर्दा कर लगातार सामने लाने वाले निर्भीक सम्पादक अपूर्व जोशी और खोजी पत्रकार आकाश नागर ने डीडीहाट में लगभग दो दशक तक विधायक और कैबिनेट मंत्री रहने के बाद भी स्थानीय विधायक द्वारा चंद ठेकेदारों का विकास किए जाने और अधिकांश विकास योजनाओं के अधर में…

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