भारत में हर मिनट 44 लोग हो रहे हैं गरीबी से मुक्त: जावड़ेकर

नई दिल्ली। भारत में प्रति मिनट 44 लोग गरीबी के अभिशाप से मुक्त हो रहे हैं। गरीबी दूर करने की अगर यही रफ्तार अगले कुछ वर्षों तक जारी रही तो देश 2030 तक इस अभिशाप से पूरी तरह से मुक्ति पा लेगा। आम चुनाव के महज कुछ हफ्ते पहले वल्र्ड डाटा लैब सहित तीन संस्थाओं की इस संबंध में आई रिपोर्ट से भाजपा उत्साहित है। पार्टी के एक वरिष्ठï नेता और केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इससे यह बात साबित होती है कि कांग्रेस ने अपने 50 साल के कार्यकाल में जहां गरीबों को हटाया, वहीं पीएम मोदी ने अपने कार्यकाल में गरीबी हटाई।जावड़ेकर ने कहा कि दुनिया की तीन अग्रणी संस्थाओं की वर्ष 2012 से 2018 की रिपोर्ट ने साबित किया है कि मोदी सरकार की गरीबपरक योजनाओं का जमीनी स्तर पर व्यापक असर हुआ है। मुद्रा योजना जिसमें 14 करोड़ लोगों को लोन दिया गया उसमें से 7 करोड़ ने पहली बार व्यापार शुरू किया। 6 करोड़ लोगों को उज्जवला योजना का लाभ मिला। जबकि 22 करोड़ लोग विभिन्न केंद्रीय योजनाओं से लाभान्वित हुए। इसी का असर है कि भारत में प्रतिदिन गरीबी कम होती जा रही है। भविष्य में सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 फीसदी आरक्षण से स्थिति और बदलेगी।उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में ग्रामीण भारत के 14 फीसदी तो शहरी भारत के 9.5 फीसदी लोग अत्यंत गरीब वर्ग की श्रेणी में थे। इस बीच ग्रामीण क्षेत्र में 10 फीसदी और शहरी क्षेत्र में 6 फीसदी गरीबी कम हुई है। अगर इसी रफ्तार से गरीबी कम हुई तो 2030 तक देश के लोग गरीबी से मुक्त हो जाएंगे। हालांकि भविष्य में यह रफ्तार बढऩे वाली है। ऐसे में भारत इस लक्ष्य को समय से पहले हासिल करने की स्थिति में है। जावड़ेकर ने कहा कि देश के किसान ने फसल की उचित कीमत केलिए 40 साल इंतजार किया। कांग्रेस स्वामीनाथन कमेटी की लागत से ड़ेढ़ गुना कीमत देने की सिफारिश को भूल गई। जबकि भाजपा ने फसल बीमा सहित अन्य योजनाओं के माध्यम से किसानों की स्थिति मजबूत बनाई।

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