मस्जिद बचाकर आतंकी कैंपों को किया तबाह
नई दिल्ली । पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारतीय वायुसेना द्वारा 26 फरवरी की सुबह जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैपों पर बमबारी करके उन्हें नष्ट कर दिया गया था। दावा किया गया कि इस हमले में जैश के 250 से 300 आतंकी मारे गए हैं। इस बीच अब जानकारी मिल रही है कि उस आतंकी कैंप के बीचों-बीच एक मस्जिद स्थित थी। वायुसेना ने अपने हमले इस बात का खास ध्यान रखा कि हमले में मस्जिद को कोई नुकसान न पहुंचे।
भारतीय वायुसेना के जांबाज पायलटों ने इतनी सटीकता से टारगेट को हिट किया गया कि मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। इस बात का खुलासा एक रिपोर्ट में किया गया है, जिसे कि वायुसेना और खुफिया एजेंसियों ने तैयार किया है। इस रिपोर्ट में सैटेलाइट तस्वीरों को शामिल किया गया है जिससे पता चलता है कि भारतीय लड़ाकू विमान ने जैश-ए-मोहम्मद के बहुत से ठिकानों को नष्ट कर दिया था, लेकिन वह मृतकों की संख्या को लेकर कुछ नहीं बोल रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार 26 फरवरी को वायुसेना द्वारा जैश के आतंकी कैंपों को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। 14 फरवरी को जैश के आत्मघाती हमलवार ने सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाया था, जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इसका बदला लेने के लिए भारतीय लड़ाकू विमानों ने जैश के आतंकी कैंपों पर बमबारी की थी।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि जिन टारगेट को नष्ट किया गया है, उनमें मौलाना मसूद अजहर का अतिथि गृह, जिसमें उसका भाई अब्दुल रौफ अजहर और कुछ वरिष्ठ अधिकारी आमतौर पर कैंप आने पर निवास करते थे। इसमें एक हॉस्टल या मरकज था जहां जैश के आतंकियों को प्रशिक्षण दिया जाता था। एयरस्ट्राइक इतनी सटीकता से की गई थी कि केंद्र में मौजूद मस्जिद को कोई नुकासन नहीं पहुंचा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़ाकू विमानों ने 160 सेकेंड में अपनी पोजिशन ली, बम गिराए और वापस आ गए। जैश के आतंकी कैप पर वायुसेना ने मिराज-2000 विमान के जरिए इजरायली एस-2000 बम गिराए थे। वहीं स्ट्राइक की खबरें आने के घंटों बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने एयर स्ट्राइक को खारिज किया और कहा कि एक बार मौसम साफ हो जाएगा तो वह उस स्थान पर पत्रकारों को लेकर जाएंगे। अभी तक किसी भी पत्रकार को जैश कैंप में जाने की इजाजत नहीं दी गई है।