सबके विकास का दावा

कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में किसान, गरीब और बेरोजगारी के मुद्दों को प्राथमिकता से शामिल कर जनता की नब्ज पकडऩे की कोशिश की है। दावा है कि उसकी न्याय योजना से 2030 तक देश गरीबी मुक्त हो जाएगा।
शिक्षा पर ज्यादा खर्च करने व गरीबों के इलाज को सरकारी अस्पतालों की दशा सुधारने के वादे के साथ हर वर्ग को लुभाने का प्रयास किया है। ‘जन आवाज’ नाम से जारी घोषणापत्र में 466 वादे किए गए हैं। वादों को पूरा करने के दावे के साथ घोषणापत्र के मुखपत्र में लिखा है ‘हम निभाएंगे’। घोषणापत्र में पर्यावरण विषय को शामिल करके बड़ी पहल हुई है। कहा गया है कि आपदा प्रबंधन में मनुष्यों के साथ अब जंगली जानवरों, पशुधन, कृषि उपज और पौधारोपण को शामिल करेंगे। कांग्रेस ने नई पहल कर सुप्रीम कोर्ट को संवैधानिक न्यायालय बनाने का वादा किया है। यानी सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के बीच ‘कोर्ट ऑफ अपील’ स्थापित होगी। इससे सुप्रीम कोर्ट पर अपील वाले मामलों का बोझ नहीं रहेगा। कांग्रेस ने राष्ट्रद्रोह को समाप्त करने, सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (आफस्फा) की समीक्षा करने, घृणा के खिलाफ कानून लाने व कश्मीर में धारा 370 को जारी रखने का वादा करके अपनी प्रतिद्वंद्वी भाजपा समेत अपने विरोधियों को आलोचना का मौका दे दिया है।पार्टी ने विधायिका के साथ अब सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का फिर से वादा कर आधी आबादी को लुभाने का प्रयास किया है। बहरहाल, कांग्रेस ने 20 फीसदी अति गरीबों के खाते में सालाना 72 हजार रुपये डालने की योजना को सबसे बड़ा मुद्दा बताया है। किसानों के लिए अलग बजट व सरकारी क्षेत्र में खाली 22 लाख पदों को भरने व पंचायतों में 10 लाख लोगों को रोजगार देने, मनरेगा के कार्य दिवस 150 करने जैसे वादे कर गांव, गरीब, किसान व बेरोजगारों को अपने पाले में लाने की कोशिश की है। हालांकि, आशंका जताई जा रही है कि इससे राजकोषीय घाटा बढ़ेगा व अर्थव्यवस्था पटरी से उतर जाएगी। हालांकि, यह भी सच्चाई है कि एक ओर परमाणु शक्ति भारत अब विश्व की 5 बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाने लगा है, दूसरी ओर देश की 20 फीसदी आबादी आज भी फटेहाल है। ऐसे में न्याय योजना ने हाशिए पर पड़े लोगों को इस चुनाव के केंद्र में ला दिया है।

Related posts