इस फ़िल्म को अल्टीरियर विज़न प्रोडक्शन्स प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले और फ़्यूचर फ़िल्म्स की साझेदारी में बनाया गया है| इस फ़िल्म के निर्माता हैं सिद्धार्थ शर्मा तो वहीं इसे को-प्रोड्यूस ज्योति शर्मा ने किया है| इस फ़िल्म का संवाद लेखन, इसकी कहानी लिखने के अलावा इस फ़िल्म का निर्देशन भी अनंत नारायण त्रिपाठी ने किया है| उन्होंने ज्योति शर्मा के साथ मिलकर इस फ़िल्म का स्क्रीनप्ले भी लिखा है|
इस फ़िल्म का संपादन राजेश पांडे और इसकी सिनेमाटोग्राफ़ी शिरीष देसाई ने की है| फ़िल्म का संगीत दिया है साधु तिवारी ने और इस फ़िल्म के कुछ गीत भी उन्होंने गाये हैं| फ़िल्म के गाने रोहित शर्मा ने लिखे हैं और निशांत सलील ने इसका पार्श्वसंगीत दिया है| इस फ़िल्म में नीरज सूद, अतुल श्रीवास्तव और अपूर्वा अरोड़ा जैसे लोकप्रिय चेहरे अहम किरदारों में नज़र आएंगे, जो अपने उम्दा अभिनय के लिए जाने जाते हैं| ये कलाकार सलमान ख़ान, अक्षय कुमार और आयुष्मान खुराना जैसे बड़े सितारों के साथ काम कर चुके हैं| बहरहाल, इस फ़िल्म में विनीत कुमार, मीना नथानी, गुलिस्ता, राधे श्याम दीक्षित, मंजू गुप्ता, शशि रंजन भी अहम किरदारों में नज़र आएंगे |
अपनी संपत्ति बेचने के बाद पप्पू और उसकी डिस्फ़ंक्शनल फ़ैमिली की माली हालत पहले से कहीं बेहतर हो जाती है. अब महज़ विरासत में मिली एक ही संपत्ति बची होने की वजह से उनके सिर पर आर्थिक संकट मंडरा रहा होता है. ऐसे में पप्पू के मन में विरासत में मिली अपनी संपत्ति को अच्छी कीमत पर बेच देने का ख़्याल आता है|
मगर जब यह ख़्याल उनके ज़ेहन में आता है तो उनकी दिवंगत अम्माजी उनके सपने में आकर उन्हें सताने लगती है| इस बात का कोई ओर-छोर नहीं समझ पाने के बाद एक दिन वह पारिवारिक पंडित के पास जाते हैं| यहां पप्पू को बताया जाता है कि उनकी कुंडली में पूर्वजों की छिपी हुई संपत्ति हासिल करने का योग लिखा हुआ है| ऐसे में उसे अब इस बात का एहसास होता है कि उनकी अम्माजी उस वक्त क्या कहना चाहती थीं | इस खबर को सुनने के बाद उनका पूरा परिवार खुशी से झूम उठता है| करोड़पति बनने के ख़्याल के मद्देनजर वो संपत्ति से जुड़े तमाम ऑफ़र को ठुकरा देता है| इस ख़ुशहाल माहौल में पंडितजी उनकी बेटी गोल्डी के लिए कानी के बेटे राकेश के साथ शादी का रिश्ता ले आते हैं| कानी शहर का नवधनाढ्य किस्म का शख्स है, जो हाल ही में राजनीति से जुड़ा है| मगर कानी दहेज की मांग कर पप्पू को एक बड़ी मुश्किल में डाल देता है| पप्पू यह सोचकर उनकी हर मांग मान लेता है कि उनके इस त्याग का सिला उन्हें उस वक्त मिल जाएगा, जब उन्हें अपने बेटे के लिए दहेज मांगने का मौका मिलेगा |
एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना से पप्पू और उसके परिवार को ऐसा लगने लगता है कि अम्माजी की आत्मा गोल्डी में आ गयी है ताक़ि उन्हें अपने पूर्वजों की संपत्ति ढूंढने में मदद मिल सके| शादी की तारीख़ करीब लाने, उधार वापस मांगनेवालों का तांता लग जाने, रियल एस्टेट की कीमत गिर जाने और पूर्वजों की संपत्ति नहीं मिलने की वजह से दहेज की मांग पूरा नहीं कर पाने के दौरान, विपरीत हालातों में इस परिवार को इस बात का बख़ूबी सबक मिलता है कि आखिर किस तरह से उनके पास जो असली संपत्ति थी, उसे उन्होंने पूरी तरह से नज़रअंदाज़ किया |इस फ़िल्म की शूटिंग कानपुर, उत्तर प्रदेश और मुम्बई के विभिन्न लोकेशन्स पर पूरी की जा चुकी है| फिल्म 31 जनवरी, 2020 को देशभर में रिलीज़ होगी |