लखनऊ : रोटी से साहित्य की गंध और साहित्य से रोटी की खुशबू, यही एक सुसंस्कृत, सुगठित व संतुलित समाज की पहली पहचान हेै। आई.सी.एन. मात्र एक वैचारिक क्रांति ही नहीं है बल्कि यह वह सामाजिक प्रयोगशाला है जहाँ सामाज के सर्वांगीण विकास के संदर्भ में अद्भुत परिणामों की अनंत संभावनाएं उपस्थित हैं। सकारात्मक व ज़िम्मेदार पत्रकारिता में वैश्विक स्तर पर अपने आप में एकमात्र अनूठी पहचान रखने वाली आई.सी.एन. यह भी मानती है कि अच्छे से अच्छा विचार भी मात्र शब्दों से रचा सम्मोहन मात्र है जब तक वह समाज के ज़मीनी स्तर पर प्रक्रियात्मक रूप से अपनी उपयोगिता को सिद्ध नहीं करता। और यही कारण है कि जब विकास की बात आती है, आई.सी.एन. की ठोस व स्पष्ट मान्यता है कि “देश का सर्वांगीण विकास केवल तभी संभव हेै जब देश का हर नागरिक जहाँ पर है, वहीं विकसित हो सके।
” जब कभी इंटरप्रिन्यूरशिप की बात आती है, इसे अकथित व अलिखित रूप से नगरीय विकास के साथ जोड़ दिया जाता है किंतु ग्रामीण क्षेत्र इस उद्यमिता से वंचित रह जाता है। परिणामस्वरूप ग्रामीण प्रतिभायें व श्रम, दोनों ही न केवल पलायनवादी ही हो जाते हैं वरन् नगरों पर आवश्यकता से अधिक दबाव व ग्रामीण क्षेत्रों की कल्पना से अधिक दुर्दशा, दोनों ही सामान्य रूप से दृष्टिगत होते़ हैं। आई.सी.एन. के अनेक सर्वहितकारी मिशनों में से एक मिशन “रूरल इंटरप्रिन्यूरशिप” है जिसका अर्थ ग्रामीणों के सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक हितों के संवर्धन व संरक्षण की दृष्टि से उन्हें “गोद लेना” है तथा उन्हें सामूहिक रूप से जोड़ कर उन्हें सामाजिक व आर्थिक रूप से स्वयं बेहतर जीवन स्तर प्राप्त करने योग्य बनाना है।
आई.सी.एन. ने अपने इसी मिशन के प्रारंभ का बिगुल बजा ही दिया। आई.सी.एन. एक्जीक्यूटिव एडीटर तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, एडीटर एन चीफ डा० शाह अयाज़ सिद्दिकी, एडीटर गौरवेंद्र प्रताप सिन्हा, सीनियर एसोशियेट एडिटर हार्दिक मुरारका एवं एसोशियेट एडिटर राहिल अख़्तर ने प्रारंभिक स्तर पर उत्तर प्रदेश के सीतापुर जनपद के ग्राम बहादुरपर व लखनऊ जनपद के मलिहाबाद तहसील के अंतर्गत आंट, गढ़ी, साँवरा, जलौली, जानकीपुर व विष्णुपुर नामक ग्रामों का चयन कर ग्रामीणों को संविदात्मक कृषि, कैशक्राप्स, मछलीपालन, वर्ष में अनेक फसल चक्रों व कृषि की आधुनिक तकनीकों से परिचित कराया। ग्राम आँट गढ़ी सांवरा ग्राम सभा में आयोजित बैठक में स्थानीय ग्रामीणों ने क्षेत्र के पूर्व विधायक व समाज सेवी इंदल कुमार रावत की अगुवाई में पूरे उत्साह के साथ भाग लिया और अपने क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के लिये आई.सी.एन. के विशेषज्ञों के मार्ग दर्शन में एकजुट होकर कार्य करने का संकल्प लिया।
पूर्व विधायक इंदल कुमार रावत ने कहा कि राष्ट्र के नवनिर्माण का समय आ पहुंचा है और इस महायज्ञ में अपनी आहुति अर्पण करने के किये हम सब तन मन धन से तैयार हैं। आई.सी.एन. व संबंधित ग्रामीणों ने बिना शासकीय सहायता की अपेक्षा करते हुये मात्र अपने निजी प्रयासों से ही अपने क्षेत्र के सर्वांगीण विकास की प्राथमिक सफलता के लिये दो वर्षों की समय सीमा निर्धारित की है। सीनियर एडीटर राकेश लोहमी ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त की । चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय, लखीमपुर कैम्पस के डीन प्रोफेसर आर.के.यादव व थाइलैंड स्थित एडिटर आई.सी.एन. इंटरनेशनल श्री राजीव सक्सेना ने हार्दिक प्रसन्नता व्यक्त करते हुये कहा कि भारतवर्ष के लिये वर्तमान परिस्थितियों में “रूरल इंटरप्रिन्यूरशिप” ही एकमात्र विकल्प है जो भारतीय समृद्धि व देश के सर्वांगीण विकास की गारंटी दे सकता है।