गुड पेरेंटिंग: आज और भविष्य की ज़रूरत

डॉ. प्रांजल अग्रवाल, एसोसिएट एडिटर-ICN ग्रुप लखनऊ। भौतिकता के इस दौर में, मकान हो या मोटर कार, क्रेडिट कार्ड हो या विदेश यात्रा, सभी भौतिक वस्तुओं तक लगभग सभी की पहुँच होती जा रही है | देखा- देखी के इस दौर में, किसी ज़रूरतमंद की मदद करने से बेहतर, लोग शादी-पार्टी में अथवा गोल्ड लाउन्ज में सिनेमा देखने में अत्यधिक खर्च करना बेहतर समझते हैं | दिखावे का माहोल ऐसा बन पड़ा है की शहर में बड़े मकान से ले कर मोटर कार तक, या फिर मोबाइल फ़ोन से ले कर घड़ी/पर्स…

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कोरोना वायरस : यह तीसरा विश्वयुद्ध है

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव , सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप बचपन में एक‌ कहानी पढ़ी थी। एक राजा के दरबार में एक जादूगर पहुँचा और अपनी जादुई कलाकारी के प्रदर्शन से सबको मुग्ध करने के बाद जब राजा ने उससे कुछ मांगने के लिये कहा तो उसने कहा,” हे राजन्! मुझे एक शतरंज के प्रत्येक खाने में दोगुने करते हुये चावल प्रदान करें।” राजा ने सोचा कि कुल मुट्ठी भर चावल ही होेंगे किंतु जब चावलों की गणना हुई तो उसके राज्य का कुल चावल भी कम पड़ गया लेकिन जादूगर की झोली…

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