मोहम्मद सलीम खान, सीनियर सब एडिटर-आईसीएन ग्रुप
सहसवान/बदायूं: पन्नालाल नगर पालिका इंटर कॉलेज तहसील सहसवान जिला बदायूं का एक प्राचीन शिक्षण संस्थान है इस कॉलेज की स्थापना दिनांक 8 जुलाई सन 1931 ईसवी में ब्रिटिश साम्राज्य में उस समय के जिलाधिकारी महोदय पन्नालाल ने की थी। इस नेक काम में कॉलेज की स्थापना के लिए समाज सेवी और शहर के इज्जतदार जमीदार घराने से ताल्लुक रखने मीर अजहर अली (खान बहादुर ) ने भूमि दान की थी। जैसे कि पन्नालाल नगर पालिका इंटर कॉलेज नगर पालिका परिषद सहसवान के अधीन है इसलिए यह कॉलेज का सौभाग्य रहा है कि समय-समय पर नगर पालिका अध्यक्ष रहे मीर खुर्शीद अली साहब सैयद ताहिर अहमद साहब हबीबुर्रहमान खान साहब, मीर सरवर अली साहब मीर मजहर अली (नन्हे मियां साहब शमशुल इस्लाम साहब बेगम तस्लीम जहां, बेगम शमा अली, मीर युसूफ अली साहब, हाजी नूर उद्दीन साहब, और वर्तमान पालिकाध्यक्ष मीर हादी अली उर्फ बाबर मियां का कुशल संरक्षण प्राप्त होता रहा है ।
इस कॉलेज से तालीम हासिल करने के बाद कालेज के विद्यार्थियों ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भारत का गौरव बढ़ाया सहसवान जिला बदायूं का नाम रोशन किया कॉलेज के विद्यार्थियों ने बड़े-बड़े पदों पर आसीन होकर देश की सेवा की। पन्ना लाल इंटर कॉलेज का इतिहास बहुत ही गौरवपूर्ण रहा है इस कॉलेज के सर्वगुण संपन्न अध्यापकों ने कॉलेज की मन लगा कर सेवा की और मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इसी कॉलेज का विद्यार्थी रहा हूं आईसीएन मीडिया ग्रुप से जुड़ने के बाद मुझे इस कॉलेज पर लेख लिखने का शुभ अवसर प्राप्त हुआ वैसे तो इस कॉलेज के अध्यापकों, प्रधानाचार्य की कार्यशैली और काबिलियत का वर्णन करने की मेरी सलाहियत नहीं है। कालेज के अध्यापकों और अब तक के प्रधानाचार्य के व्यक्तित्व के बारे में लिखना उनकी शान के बारे में कुछ कहना सूरज को चिराग दिखाने के बराबर होगा। इस कॉलेज को अपने खून से सींचने वाले हमारे वयोवृद्ध गुरु एवं प्रधानाचार्य श्री सुरेश चंद्र मिश्रा जी जिन्होंने कॉलेज के डिसिप्लिन का ख्याल अपनी जान की तरह रखा चूंकि एक विद्यार्थी के रूप में मैंने श्री सुरेश चंद्र मिश्रा जी का सख्त और वेल डिसिप्लिन कार्यकाल देखा है।मैं स्वयं इस बात का साक्षी हूं कि सुरेश चंद्र मिश्रा जी का केवल विद्यार्थी ही नहीं बल्कि अध्यापक भी बेपनाह सम्मान करते थे। इस कॉलेज के इतिहास को महान और गौरवपूर्ण बनाने के लिए और भी अध्यापकों का अभूतपूर्व योगदान रहा है जैसे जमील उद्दीन साहब, सैयद इफ्तिखार साहब, सत्यवीर सिंह साहब, फसीह साहब,अजीज साहब, सैयद तहजीब साहब,चिरंजीलाल साहब, पुत्तू लाल साहब,नसीम अहमद खान साहब, डॉक्टर दबी रूल हसन साहब, जाने आलम साहब, ज्ञान प्रकाश चांडक साहब, सिद्दीक साहब, एहतराम साहब, विजय पाल साहब, गिरिजा शंकर साहब, लक्ष्मी नारायण साहब, और लगभग 15 वर्षों तक नाममात्र का वेतन लेकर अपने जीवन के कीमती सुनहरे 15 साल की कुर्बानी देते हुए पीटीए के उर्दू अध्यापक जनाब शाकिर अली साहब जो अब बेसिक एजुकेशन में सहायक अध्यापक के पद पर सुल्तानपुर में कार्यरत हैं, भगवती प्रसाद सक्सेना और विषय विशेषज्ञ के रूप में नियमित हो चुके प्रदीप कुमार सक्सेना साहब जैसे अध्यापकों ने कड़े परिश्रम एवं तपस्या के साथ कालेज के विद्यार्थियों को शिक्षा ग्रहण कराने का सबसे उत्तम कार्य किया। समय-समय पर पन्ना लाल इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य के पद की गरिमा बनाए रखते हुए जनाब अजीज साहब, जनाब सुरेश चंद्र मिश्रा साहब,जनाब पुत्तू लाल साहब,जनाब यतीश चंद्र सक्सेना साहब,जनाब दबी रूल उल हसन साहब, ने प्रधानाचार्य के पद को सुशोभित किया है मधुर वाणी तथा सरल स्वभाव के मालिक श्री यतीश चंद्र सक्सेना ने प्रधानाचार्य के रूप में अभूतपूर्व योगदान दिया। उनका कार्यकाल काफी प्रशंसनीय रहा।
दिनांक 31 मार्च 2020 को द मैन ऑफ द डिसिप्लिन के नाम से प्रसिद्ध जनाब डॉ दबी रूल हसन साहब पन्ना लाल नगर पालिका इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुए। डॉक्टर दबीर उल हसन की सर्व प्रथम नियुक्ति एक अध्यापक के रूप में सन 1985 में हुई थी। उनके कार्य शैली और सत्य निष्ठा को देखते हुए जल्द ही सन 1987 में श्री दबीर उल हसन को संचायिका प्रभारी का दायित्व सौंपा गया जिसमें उनके द्वारा बच्चों में धन की बचत करने के लिए नाटकों के माध्यम से जागरूक किया गया जिसके लिए वह पुरस्कृत भी किए गए । सन 1989 मैं विद्वान प्रवक्ता श्री जमील उद्दीन साहब सेवानिवृत्त हो गए उसके बाद डॉक्टर दबी रूल हसन साहब को यूपी बोर्ड परीक्षा का प्रभारी नियुक्त किया गया जिसको लगातार सन 2016 तक बहुत सुंदर और स्वच्छ वातावरण में संचालित किया गया जिसके लिए पन्ना लाल इंटर कॉलेज पूरे जनपद बदायूं में नकल विहीन केंद्र हो गया । इसके चलते तत्कालीन डीएम श्री दिनेश कुमार सिंह महोदय द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया गया । सन 2002 मैं श्री दबीर उल हसन द्वारा सहसवान तहसील पर शोध कार्य प्रस्तुत किया जिसके चलते उन्हें पीएचडी की डिग्री मिली और उन्हें डॉक्टर की उपाधि से भी नवाजा गया।डॉक्टर दबी रूल हसन साहब का प्रधानाचार्य के रूप कार्यकाल 1 अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2020 तक रहा इस प्रकार डॉक्टर दबी रूल हसन को कार्य करने के लिए केवल 4 वर्ष का अल्पकाल ही मिला फिर भी उन्होंने उच्च कोटि की कार्यक्षमता आकर्षक व्यक्तित्व और अध्यापन क्षेत्र में लंबे अनुभव के कारण कुशल नेतृत्व करते हुए कॉलेज के विद्यार्थियों में शैक्षिक गुणवत्ता शिष्टाचार तथा एटिकेट्स उत्पन्न करने में सफलतापूर्वक अपने कार्य को अंजाम दिया। कालेज को सफलता की नई बुलंदियों तक पहुंचाने के लिए प्रधानाचार्य डॉ दबी रूल हसन साहब ने कॉलेज के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ ,जैसे मेरे अर्थशास्त्र विषय के गुरु श्री नसीम अहमद खान साहब, श्री सुजीत सिंह (सहायक अध्यापक) श्री शंकर लाल (सहायक अध्यापक) श्री अमृत पाल(लिपिक)और आफताब अहमद (लिपिक) और अन्य अध्यापकों के साथ मधुर संबंधों का समन्वय स्थापित किया। कॉलेज के विद्यार्थियों में शैक्षिक गुणवत्ता को और सर्वोत्तम करने के लिए तथा कॉलेज में डिसिप्लिन कायम करने के लिए कॉलेज के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ ने प्रधानाचार्य दबी रूल हसन साहब का पूरा योगदान किया। प्रधानाचार्य श्री दबी रूल हसन के कार्यकाल में सत्र 2018-19 में हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट प्रशंसनीय रहा और ग्राम नदायिल के इंटरमीडिएट कक्षा का विद्यार्थी मोहम्मद अरमान ने विज्ञान संकाय से 84% अंक प्राप्त करके बदायूं जिले के सफलतम टॉप 10 रैंक विद्यार्थियों की लिस्ट में स्थान प्राप्त किया जो कि अपने आप में गौरव की बात है। मोहम्मद अरमान कि इस उत्कृष्ट उपलब्धि के जिलाधिकारी महोदय श्री दिनेश कुमार सिंह ने उसे पुरस्कृत भी किया ।
मुझे इस बात का अफसोस है कि लॉक डाउन की वजह से प्रधानाचार्य जी का विदाई समारोह नहीं मनाया जा सका। मेरे गुरु प्रधानाचार्य दबी रूल हसन साहब और मास्टर नसीम अहमद खान साहब बहुत ही व्यवहार कुशल सामाजिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं ।दोनों ही नगर वासियों के खुशी तथा गम के क्षणों में हमेशा शरीक होते रहे हैं। नवनियुक्त प्रधानाचार्य श्री विजय पाल जी को बहुत-बहुत मुबारकबाद मैं आशा करता हूं श्री विजय पाल जी के कार्यकाल में पन्ना लाल नगर पालिका इंटर कॉलेज और ज्यादा तरक्की करे। लेख के अंत में, एक और अध्यापक का जिक्र करना चाहूंगा जिससे मैं व्यक्तिगत रूप से बहुत प्रभावित हूं उस अध्यापक का नाम है श्री सुजीत सिंह ।श्री सुजीत सिंह की कार्यशैली प्रशंसनीय है मैं आशा करता हूं कि श्री सुजीत सिंह और प्रधानाचार्य श्री विजय पाल जी कॉलेज के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के साथ मिलकर मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित करके इस कॉलेज की शान में चार चांद लगाएंगे। अपने लेख के अंत में हमारे गुरु जो अब इस दुनिया में नहीं हैं जैसे स्वर्गीय जमील उद्दीन साहब, स्वर्गीय सत्यवीर सिंह साहब स्वर्गीय ज्ञान प्रकाश चांडक साहब, स्वर्गीय सैयद इफ्तेखार साहब, स्वर्गीय फसीह साहब, स्वर्गीय एहतराम साहब, स्वर्गीय सिद्दीक साहब स्वर्गीय जाने आलम साहब स्वर्गीय शंख धार साहब (लिपिक) को मैं खिराज ए अकीदत (श्रद्धांजलि) पेश करता हूं और शेष तमाम अध्यापकों तथा नॉन टीचिंग स्टाफ की लंबी आयु की ईश्वर से कामना करता हूं।
यदि इस लेख में कोई त्रुटि हो तो मैं अपने सभी सम्मानित पाठकों से उसके लिए क्षमा चाहता हूं।