छत्रपति शिवाजी का राजनैतिक दर्शन

प्रो. प्रदीप कुमार माथुर पिछले दिनों में धर्मान्धता की आंधी ने हमारा चिन्तन ही मानो कुठित कर दिया है। अपने इतिहास को समझने में हम विश्लेषण और अध्ययन के स्थान पर पूर्वाग्रहों का सहारा लेने लगे हैं। जहां एक और महाराणा प्रताप, गुरु तेग बहादुर और शिवाजी को भारतीय एकता का विरोधी बताया जा रहा है वहीं दूसरी ओर मुस्लिम शासकों को हिन्दु विरोधी कहा जा रहा है। सत्य यह है कि हम अंग्रेजों द्वारा पैदा किए गए मिथ्या भ्रमों के शिकार होते जा रहे हैं। यह विडम्बना ही कही…

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कोरोना वायरस : सन्नाटे में साँस-1

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप आज संपूर्ण विश्व में शोले फिल्म के इमाम साहब व वृद्ध बाप का रोल अदा करने वाले वरिष्ठ कलाकार ए.के.हंगल का एक डायलॉग ही गूँजता सुनाई पड़ रहा है, “अरे भाई! इतना सन्नाटा क्यों है?” सच है, मृत्यु के भय से दुबका हुआ मानव पूरे विश्व में आज अपने घरों में कैद होकर एक ऐसी वैश्विक तस्वीर का हिस्सा बना हुआ है जिसकी भौतिक विकास की अंधी दौड़ में हवा से होड़ लगाते विश्व के कैनवास पर उपस्थिति अंसभव प्रतीत होती थी। “जीवन चलने…

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