मोहम्मद सलीम खान, सीनियर सब एडिटर-आईसीएन ग्रुप सहसवान/बदायूं: भारतीय गणतंत्र के चार स्तंभ है व्यवस्थापिका कार्यपालिका न्यायपालिका और चौथा स्तंभ पत्रकारिता (जर्नलिज्म) जिसको हम मीडिया के नाम से जानते हैं। आज मैं अपने इस लेख में पत्रकारिता के विषय में अपने सम्मानित पाठकों से कुछ बातें साझा करना चाहूंगा। बदलते हुए माहौल और भागदौड़ की जिंदगी में पत्रकारिता बहुत ही जिम्मेदारी व जोखिम भरा कार्य है। इस समय देश कोरोना जैसी भयानक बीमारी का मुकाबला बड़ी वीरता से कर रहा है एक और जहां हमारे अजीम मुल्क हिंदुस्तान के नागरिक अपने…
Read MoreMonth: April 2020
*कोरोना वायरस के दौर मे पैगंबर हज़रत मुहम्मद साहब (ﷺ) द्वारा दी गई शिक्षाओ की व्यवहारिकता और उपयोगिता से लाभान्वित होती मानवता*
एजाज़ क़मर आज हम 21 वीं शताब्दी मे “कोरोना महामारी” से बचाव के लिये ‘सोशल डिस्टेंसिंग” (Social Distancing), “मरीज़ो के लिये अलग स्थान” (Quarantine), नक़ाब (Mask) और स्वच्छता (Sanitation) की शिक्षा का सुबह-शाम प्रचार कर रहे है,जबकि इस्लाम ने 7 वीं शताब्दी मे ही इसकी शिक्षा दे दी थी। इस्लाम को मुसलमानो के दो तबको (वर्गो) ने बहुत ज़्यादा नुकसान पहुंचाया है, जितना नुकसान इस्लाम के दुश्मनो ने (खास करके यहूदियो ने) भी नही पहुंचाया है, पहला वर्ग लिबरल का है जो हमेशा मौका तलाशते रहते है, कि कब इस्लाम को…
Read Moreसमय भाषाओं की मरम्मत का : 2
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप हमें एक दूसरे से जोड़ने का जो सबसे प्रभावशाली माध्यम है, वह संवाद के रूप में हमारी भाषा ही है। तनिक सोचिये तो, यदि दुनिया में कोई भी भाषा न होती तो क्या होता? अब हम यदि उर्दू भाषा की बात करें तो यह सही है कि उर्दू में अरबी, फ़ारसी व हिंदी भाषा के अनेक मौलिक शब्द इस भाषा के शब्दकोष में उपस्थित हैं किंतु अलग-अलग भाषाओं के उन शब्दों को लिखने के लिये उन्हीं भाषा के विशिष्ट वर्ण अर्थात अक्षर का प्रयोग…
Read Moreकोरोना के बाद भारत की संभावनाएं : 1
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप समय ने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन ऐसा भी आयेगा जब अचानक ही उसकी रफ़्तार थम जायेगी और एक-दूसरे से आगे निकलने की अंधाधुंध होड़ में लिप्त यह सारा विश्व ठीक उसी तरह फ्रीज हो जायेगा जैसे बार्बी की कहानियों में दुष्ट जादूगर पूरे राज्य को फ्रीज कर दिया करता था। निश्चित ही, आज हम सब एक अकल्पनीय समय से गुज़र रहे हैं। विश्व के सबसे शक्तिशाली व विकसित देश भी ‘कोरोना’ संक्रमण से नित्य-प्रति युद्ध हार रहे हैं और उनके बड़े-बड़े…
Read Moreउत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्ट (89) का दिल्ली एम्स में निधन
‘कोरोना से जंग’ में यू.पी.ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन ने पीएम केयर फंड में दान किए 5 लाख रुपये
आंकड़ें जीवन नहीं होते
तरुण प्रकाश, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप जैसे सारे कोमल कोमल बच्चे बन गये हैं उस बड़ी मशीन के छोटे छोटे पुर्जे जिसमें पहले से ही भरा है दुनिया का समूचा प्रबंध तंत्र! ओह! यह कैसा छल है, यह कैसा षड्यंत्र!! इस मशीन में भरा जाता है बचपन और किशोरावस्था के स्वप्नों का ताजा लहू, मुलामियत से भरी लचीली देह के, सूख कर लकड़ी बन जाने तक का पूर्व नियोजित श्रम और नित्य की अरुचिकर जूझन एवं उनसे उपजी हताशा और निराशा और बदले में मशीन उगलती है मात्र असीमित प्रोद्योगिकी और…
Read Moreग्रामीण चिकित्सा के क्षेत्र में प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ मुजीब उर रहमान ने सीएचसी सहसवान को 10 पीपीई किट भेंट की।
मोहम्मद सलीम खान, सीनियर सब एडिटर-आईसीएन ग्रुप सहसवान/बदायूं: कोरोना नामक दानव रूपी महामारी से लड़ने के लिए समाज के संभ्रांत व्यक्ति और सामाजिक कल्याण संस्थाएं लोगों की मदद करने के लिए आगे आ रही हैं । इस समय पूरे जिले के चिकित्सक लैब टेक्निशियन व अन्य मेडिकल स्टाफ इस महामारी में योद्धा की तरह कार्य कर रहे हैं। नगर सहसवान के हर दिल अजीज ख्याति प्राप्त व ग्रामीण चिकित्सा क्षेत्र में सेवा के लिए अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता तथा समाजसेवी व चिकित्सक मुजीब उर रहमान ने आज चिकित्सा प्रभारी सीएचसी सहसवान…
Read Moreसमय भाषाओं की मरम्मत का : 1
तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप हमें एक दूसरे से जोड़ने का जो सबसे प्रभावशाली माध्यम है, वह संवाद के रूप में हमारी भाषा ही है। तनिक सोचिये तो, यदि दुनिया में कोई भी भाषा न होती तो क्या होता? हम सब शायद ‘व्यक्ति’ से ‘वस्तु’ बन कर रह गये होते और अनेक भाव व विचार अपने मन व मस्तिष्क में बुरी तरह ‘उत्पन्न किंतु उत्सर्जित न होने की प्रक्रिया’ में एक के बाद एक विस्फोटित होते हुये फट कर अकाल मृत्यु को प्राप्त हो रहे होते। हम भारतवर्ष के…
Read Moreअच्छा मेरी वफ़ा का ये तूने सिला दिया-You Have Rewarded Me Well Of My Love Sincerity
By: Suhail Kakorvi Ghazal; अच्छा मेरी वफ़ा का ये तूने सिला दिया दीवाना था मैं होश सरापा बना दिया You have rewarded me well of my love sincerity Made me sagacious deprived me of my lunacy कैसा शबे विसाल में झंझट मिटा दिया मैं सो चूका था उसने अचानक जगा दिया She has erased , hampered love unity I slept already, but abruptly awakened me she तू ने खिज़ां के ज़ोर को झटका बड़ा दिया एक दम रुख़े बहार से पर्दा उठा दिया You have given a blow to autumn…
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