गर्भवती स्त्री …..

आकृति विज्ञा ‘अर्पण’, असिस्टेंट ब्यूरो चीफ-ICN U.P. गोरखपुर: गर्भवती स्त्री ….. यह शब्द सुनकर गांव सीवान याद आ जाता है। जेठ की दुपहरी हो या पूस की रात ,गांव की महिलाओं को अगर तनिक भी सूचना मिलती थी की कोई गर्भवती स्त्री गांव के डीह को पार कर रही थी तो ‘नून पानी ‘की व्यवस्था भर को वह तत्क्षण सामर्थ्यवती हो जाती थीं। कल का ट्रेनिंग सेशन बाराबंकी की कुछ स्वयंसेवी जनों के साथ बीता ,जिसमें श्रीमती अंचुल (बदला नाम) बता रही थीं कि इन दिनो बेटे (10 बरस)की आनलाइन…

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सुहेल काकोरवी की ग़ज़ल (ज़मीने बद्र पर)

जभी मुमकिन है हम दोनों का रोशन नाम हो जाए मोहब्बत में बराबर से जो वो बदनाम हो जाए only then is possible the glory of our name in love If she equally shares the infamy the censure creates तुम्हारा लुत्फ़ हम कब चाहते हैं आम हो जाए मगर इतना तो हो थोड़ा हमारा काम हो जाए I do not want that become public thy grace But at least I expect some out of that हकीकत यार के जज़्बों के खुल जाना यक़ीनी है कि जिस लम्हा पसन्दीदाह हमें दुश्नाम…

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संगीत के साधना पुरुष-केवल कुमार

सुरेश ठाकुर 4 जनवरी 1941 को लखनऊ में उदयगंज स्थित जयहिन्द चबूतरा बाल रुदन के रुप में एक ऐसी सुरीली किलकारी से गुंजायमान हो उठा था जो परिमार्जन के शिखर को स्पर्श करती हुई, संगीत का अनुपम पर्याय बन कर आज तक हमारे मन और आत्मा दोनों को विभोर कर रही है | ‘ नाद-ब्रह्म’ की असीम अनुकम्पा से श्रीमती रामप्यारी और श्री परमेश्वरी दयाल श्रीवास्तव के घर संगीत की जिस विलक्षण प्रतिभा ने जन्म लिया उस व्यक्तित्व को आज पूरा विश्व ‘केवल कुमार’ के रुप में पहचानता है |केवल…

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