कला-संस्कृति व साहित्य के आजीवन उपासक रहे गुरूदेव रबींद्रनाथ टैगोर

राणा अवधूत कुमार, ब्यूरो चीफ-ICN बिहार  (रवींद्रनाथ की जयंती पर विशेष) पटना। रवींद्रनाथ टैगोर एक ऐसा व्यक्तित्व हैं, जिन्हें शब्दों में बयां करना बहुत कठिन है। टैगोर के बारे में कुछ लिखने या बताने के लिए शब्द कम पड़ जाएंगे। ऐसे अद्भुत प्रतिभा के धनी थे। जिनके संपूर्ण जीवन से एक प्रेरणा या सीख मिलती है। वे एक ऐसे विरल साहित्यकारों में हैं, जो आसानी से नहीं मिलते। कई युगों के बाद धरती पर जन्म लेते हैं। धरती को धन्य कर जाते हैं। वे ऐसी छवि हैं जो जन्म से लेकर…

Read More

किशोरों की जिंदगी का सबसे खतरनाक ज़हर: “अवसाद”

डॉ. संजय श्रीवास्तव  आज कल प्रायः अखबारों में ,टेलीवीजन में ,सोशल साइट्स पर या अन्य खबरों में आये दिन किसी न किसी व्यक्ति के आत्महत्या द्वारा म्रत्यु की खबरे हमारे संज्ञान में आती रहती है | इन खबरों में मरने वालो में ज्यादातर खबरे नई उम्र के नवयुवको एवं नवयुवतियो की होती है |  बड़ा अजीब सा लगता है यह देख कर कि जिस उम्र में अभी तक इन बच्चो ने ,इन किशोरों ने इस जिंदगी के सफ़र को अच्छे से देखा नहीं है , समझा नहीं है और अभी उनके उपर किसी ज़िम्मेदारी का बोझ नहीं है…

Read More

चोट के कारण को पहचाने नयी चोट को पुरानी न होने दे

डॉ. नौशीन अली, ब्यूरो चीफ-ICN मध्य प्रदेश  ‘गिरना संभलना फिर उठकर खड़े हो जाना कभी हिम्मत न हारना’’ भोपाल।आज कल की इस भाग–दौड़ भरी लाइफ में इंसान इतना व्यस्त हो गया है, कि उसे अपनी सेहत की परवाह किये बिना ही बस दौड़े जा रहा है। इस भाग–दौड़ में उसको चोट भी लग जाती है या खेलते वक़्त जिसे हम  स्पोर्ट्स  इंजरी  कहते है पर वो उसको नजरअंदाज़ कर देता है। हमें ऐसी चोटों को नजरअंदाज़ नहीं करना चाहिए। कई बार ऐसी चोटे बड़ा रूप ले लेती है।चोट या इंजरी सिर्फ जवान को नहीं बच्चे  बूड़ो को भी लग जाती है सबके अपने…

Read More

समय का गीत: 1

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप मैं समय के सिंधु तट पर आ खड़ा हूँ, पढ़ रहा हूँ रेत पर, मिटते मिटाते लेख, जो बाँचे समय ने। 1 शून्य से उपजा समय या फिर समय से शून्य आया। यह जगत, ब्रह्माण्ड सारा सत्य है या सिर्फ़ माया।। हम सहज ही हैं मनुज या सिर्फ़ हम परछाइयाँ हैं। मात्र मिथ्या स्वप्न हैं हम‌ या अटल सच्चाइयाँ हैं।। हम अधर के चक्र में हैं या अधर हम में कहीं है। हम यहाँ पर है, वहाँ पर हैं, यहीं हैं या वहीं…

Read More

गीत–ये रात भी मेरी तरह अकेली है….

“घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने गीत –  ये रात भी मेरी तरह अकेली है…. गायिका –  शिल्पी माथुर (लखनऊ) म्युज़िक अरेंजर – दीपक माथुर संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही संगीत परिवार में जन्मी जयपुर की शिल्पी माथुर का संगीत के क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम है। इन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपनी मां श्रीमती प्रीति माथुर से पाई। शिल्पी आकाशवाणी की ‘ए’ ग्रेड कलाकार हैं। इन्हें वर्ष 1986 में सुर संगम द्वारा आयोजित अखिल भारतीय संगीत प्रतियोगिता में ‘सुर श्री’…

Read More

ग़ज़ल–दिल को बहलाने की आदत हो गई है ….

“घर पर रहें – घर पर सुनें” हर रोज़ नए गाने ग़ज़ल –  दिल को बहलाने की आदत हो गई है   …. गायक –  डॉ हरि ओम (लखनऊ) संगीतकार – केवल कुमार गीतकार – अशोक हमराही   डॉ हरि ओम का नाम सभी के लिए जाना पहचाना है। IAS अधिकारी का गुरुतर दायित्व निभाते हुए भी उन्होंने अपने दिल की आवाज़ को कभी अनसुना नहीं किया तथा लेखन और गायन को बदस्तूर जारी रखा। वह जितने जनप्रिय अधिकारी हैं, उतने ही लोकप्रिय शायर और गायक भी हैं। अपनी शायरी को…

Read More

थैलेसीमिया दिवस पर विशेष: हीमोग्लोबिन निर्माण की प्रक्रिया के सही काम ना करने से होती है थैलीसीमिया की बीमारी

डॉ अनुरूद्ध वर्मा एम डी(होम्यो ) वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक, सीनियर एसोसिएट एडीटर-ICN ग्रुप  हर वर्ष 8 मई को अंतर्राष्ट्रीय थैलेसीमिया दिवस मनाया जाता है इसका दिवस का उद्देश्य थैलेसिमिया की बीमारी के संबंध में जनता में जागरूकता  उत्पन कर इसको रोकना  है ,इस रोग के साथ जीने के तरीके बताना, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देना ,थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों को शादी से पहले चिकित्सक से परामर्श की सलाह देना । थैलेसीमिया बच्चों को माता-पिता से मिलने वाला अनुवांशिक  रक्त-रोग है । इस रोग के होने…

Read More

गीताख्यान 1

आकृति विज्ञा ‘अर्पण’, असिस्टेंट ब्यूरो चीफ-ICN U.P. अपनी आँखें अपना चश्मा अपने ऐंगल से देखा है जीवन के इस चक्रव्यूह को गीतों ने हद तक भेदा है। गीतों के मंदिर देखे हैं गीतों की मधुशाला देखी गीत अश्रु से खारे भी हैं मदमाती सुरबाला देखी नरगिस बेला जूही चंपा गीत गंध से ताल मिलाती कोयल भी देखी है हमने इक बिरहन को गीत सुनाती एक व्याहता को पाया है विरह भाव में चैता गाते एक मजूरन को देखा है प्रियतम के संग धान कटाते जातां चक्की के जब दिन थे…

Read More

कोरोना,लॉकडाउन एवँ मानसिक स्वास्थ्य

डॉ अनुरूद्ध वर्मा एम डी(होम्यो ) वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक, सीनियर एसोसिएट एडीटर-ICN ग्रुप लॉक डाउन के दौरान यदि आपका मानसिक स्वास्थ्य अस्वास्थ्यकर है तो इससे निपटने के लिये सकारात्मक साचें, शारीरिक गतिविधियाँ जैसे व्यायाम, योग, प्राणायाम ,शारीरिक श्रम नियमित रुप से करते रहें। कोरोना,कोरोना और कोरोना आज कल हर तरफ केवल कोरोना की ही चर्चा है । चीन के वुहान शहर से चला कोरोना वायरस जिसे कोविड 19 के नाम से जाना जाता है. जिसनेआज पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले लिया है और इस आंख से ना दिखाई पड़ने…

Read More

*एक गीत*(बुद्ध पूर्णिमा पर बुद्ध के प्रति संपूर्ण श्रृद्धा किंतु क्षमा के साथ)

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप हे तथागत! शीश झुकता है तुम्हारे ज्ञान के प्रति, किंतु है संदेह मन में, क्या सही था, ज्ञान हित में, भार्या व पुत्र का परित्याग आखिर?                 (1) कुछ नियम संसार के हैं और उनसे ही बंधी है सृष्टि, ये संसार सारा। रात छिप कर त्यागना सब, आचरण कैसे कहूँ था श्रेष्ठ, हे गौतम तुम्हारा ।। प्रीत-परिणय में बंधे तुम, किंतु पावन अग्नि की साक्षी शपथ हर तोड़ आये। था तुम्हारे ही बदन से, पुत्र जो…

Read More