जननी-दिवस ( मदर्स-डे )

By: C.P. Singh, Literary Editor-ICN Group मेरा  भी  बहुत  मन  करता  है कि  मै  अपनी  माँ  की  फोटो  सबको  दिखाऊँ | जगह – जगह प्रकाशित  करवाऊँ | परन्तु मैं ऐसा नहीं कर पाता क्योंकि मेरी माँ तो मेरा  बचपन सुधार कर चली गयी और मेरे पास एक भी फोटो नहीं है मेरी माँ की | मेरे मन  में , मेरे ह्रदय में , मेरी सोंच में और मेरी आँखों में मेरी माँ की वह सारी छवियाँ हैं , जो  मैंने देखीं , उतनी उमर में | फिर भी उनमें से…

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डीयर महतारी….

आकृति विज्ञा ‘अर्पण’, असिस्टेंट ब्यूरो चीफ-ICN U.P. गोरखपुर: असही डांट के सुबेरे जगाती रहो ,दिन बन जाता है मेरा। असल में महतारी शब्द जादुई शब्द है ये प्लेसेंटल रिलेशन बाकमाल है ,बिना कहे बूझने वाली जादूगर कहो या फिर बड़ा से बड़ा झूठ ट्रेस करने वाली डिटेक्टर। हम तो भैया हरदम असही लड़ते भिड़ते मनाते मनवाते रिसियाते कोहाते मोहाते मनुआते देखना चाहते हैं। कब्बो कब्बो हम गजबे कुंभकर्ण अवस्था में जाते हैं और इस अप्रतिम दृश्य को बस महतारिये झेल सकती हैं ,बाकि कौनो तकिया पर भउरा रख देगा। अनकंडीशनल…

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समय का गीत: 3

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप मैं समय के सिंधु तट पर आ खड़ा हूँ, पढ़ रहा हूँ रेत पर, मिटते मिटाते लेख, जो बाँचे समय ने।   वो भगीरथ की तपस्या, और वो अद्भुत कमंडल। वेग था जिसमें समाया साथ लेकर स्वर्ग का जल।। और फिर शिव शीश पर उतरी महा गंगा निनादी । तर गये पुरखे, धरा पर धार अमृत की बहा दी।।   राम ने ले जन्म, लक्ष्मण साथ दानव दैत्य तारे। भूमिजा को वारि, पापी नाश, रावण कुल संहारे।। राम का था राज्य अद्भुत, थे…

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