इटावा: प्रशांत फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ हेमंत कुमार ने कहा है कि इस आपदा के दौरान प्रवासी गरीब मजदूर के खाने तक के लाले पड़ रहे हैं। ऐसे मौके पर उन्हें उन के घर तक पहुंचाने का कार्य सरकार को करना चाहिए। सरकार द्वारा गरीब मजदूरों के खाने की व्यवस्था ठीक से ना होने के कारण मजदूर अपने परिवार के साथ पैदल ही अपने गांव की तरफ निकल पड़े है। ऊपर से पैदल चल कर आगे पहुंचने के बाद वहां खड़ी पुलिस द्वारा उन्हें लाठी मारकर या तो दुबारा वापिस भेज दिया जाता है या तो उन्हें वहीं कहीं पर रोक दिया जाता है। देश में कोरोना वायरस के कारण जब से सम्पूर्ण लाॅक डाउन घोषित किया गया है। इस लाॅक डाउन में सबसे ज्यादा मार गरीबों, मजदूरों पर पड़ी। कोई भी इनकी सुध लेने वाला नहीं। बेचारे प्रवासी मजदूर परिवार सहित दर-दर भटकने को मजबूर हैं। बेचारे गरीब, बेबस, लाचार प्रवासी मजदूर अपने बीबी, बच्चों सहित कई सैकड़ों किलोमीटर नंगे बदन, नंगे पैर 41-42 डिग्री सेल्सियस तापमान में भूखे-प्यासे कई दिनों से पैदल चल रहे हैं।सरकार से विनम्र निवेदन एवं मार्मिक अपील करता हूं कि ऐसे गरीबों, मजदूरों को सकुशल घर पहुंचाने एवं खाने-पीने का इंतजाम पूरी ईमानदारी से करें। लाॅकडाउन कि वजह से बेरोजगारी के कारण इन मजदूरों के पास खाने को पैसे भी नहीं है इसीलिए ये गरीब मजदूर अपने परिवार के साथ पैदल ही अपने गांव जा रहे हैं। इसके अलावा डॉ हेमंत कुमार ने जनता से अपील की है कि अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप्प जरूर डाउनलोड करें। साबुन या एल्कोहल बेस्ड सेनिटाइजर से हाथ 20 सेकंड तक धोयें। जब भी घर से बाहर निकलें मास्क या रूमाल से अपने मुंह को ढकें। कोरोनावायरस से बचने के लिए लाकॅडाउन का पालन करें और घर में रहे सुरक्षित रहे।
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