एसजेवीएन के कर्मचारियों द्वारा सीएम रिलीफ फंड/एचपी कोविड सॉलिडेरिटी रिस्पांस फंडमें अपने एक दिन का वेतन ,44.5 लाख रुपए का अंशदान

चन्द्रकान्त पाराशर (वरिष्ठ एसोसिएट एडिटर) ICN शिमला : कोविड-19 एक संक्रामक रोग है जिसमें पूरे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया है। भारत में यह महामारी अति गंभीर स्वास्थ्य एवं आर्थिक चुनौतियां पेश कर रही है और दिनों दिन इस के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री नंदलाल शर्मा ने बताया कि एक जिम्मेदार कारपोरेट निकाय के रूप में तथा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई की गंभीरता को समझते हुएएसजेवीएन कर्मचारियों ने सीएम रिलीफ फंड/एचपी कोविड-19सॉलिडेरिटी रिस्पांस फंड में स्वेच्छा से अपने एक दिन का वेतनजो44,50,000/- रुपए (चौवालिस लाख पचास…

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सेल्फी : मनोरंजन या मनोरोग ?

डॉ. संजय श्रीवास्तव  क्या आप सभी जानते है की एक ख़ास सर्वेक्षण के अनुसार अवसाद के बाद दुस्साहसिक सेल्फी लेना युवाओं में होने वाली मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण निकल कर सामने आया है | यूँ तो आप सभी जानते ही हैं की तस्वीरें खिचवाने का या अपनी तस्वीरे बनवाने का प्रचलन सदियों से चला आ रहा है उसके पीछे का मनोविज्ञान यही है की हर व्यक्ति खूबसूरत दिखना चाहता है और वह अपनी खूबसूरत तस्वीर को देख कर गौरान्वित अनुभव करता है ,प्रसन्न होता है वक़्त बदलता गया…

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समय का गीत: 8

तरुण प्रकाश श्रीवास्तव, सीनियर एग्जीक्यूटिव एडीटर-ICN ग्रुप मैं समय के सिंधु तट पर आ खड़ा हूँ, पढ़ रहा हूँ रेत पर, मिटते मिटाते लेख, जो बाँचे समय ने।   हैं समय के भेद गहरे, शून्य है क्या क्या छिपाये। है जगत कितना अनूठा, किंतु हम कब जान पाये।। था कहा गैगोलियो ने, है धरा फुटबॉल जैसी । सिद्ध न्यूटन ने किया, गति की जगत में रीति कैसी।।   बेंज़ ने दे कार कर दी‌ पूर्ण गति की खूब हसरत। वायु में उड़ने लगा, इंसान राईट की बदौलत।। आइंस्टाइन ने दिया…

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मां-थी, प्रभु–सी  

By: C.P. Singh, Literary Editor-ICN Group एक वो- दिन थे, मां थी – प्रभु सी, तन- मन, दुःख से परे । अब तो सुधि है, निधि सी उसकी, सकल- कलेश – भरे । एक वो दिन थे, कुछ भी जिद की, मां –भण्डार –भरे । अब तो लगे, हूं- हठ- प्रकृति की, मां- हित- नयन- झरे । एक वो दिन थे, गोद में मां की, जग के सुख- सगरे । अब तो तन चले, कृपा उसी की, को – कहां- रुहठि करें ? एक वो दिन थे, मां- रक्षक थी,…

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मैं और मेरी कविता

आकृति विज्ञा ‘अर्पण’, असिस्टेंट ब्यूरो चीफ-ICN U.P. बहुत देर तक मेरी कविता मेरे साथ टहलती रही हम दोनों ने ख़ूब बातें की तुम्हारी बात आते ही झगड़ गये हम दोनो फिर दोनो ख़ामोश थे….. आज तक कायम है ख़ामोशी मुझको मनाना चाहती है वो उसे मनाना चाहती हूँ मैं मेरे पास छूट गयी है उसकी लय वो ले गयी है मेरा बिखरना….. इन दिनो चाँद तारे सब  बनाते हैं समद्विबाहु त्रिभुज एक दूसरे को सोचकर मौन हैं आधार के दोनो कोनों पर  टिकी सी मैं और मेरी कविता……. मैं देखती…

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विश्व उच्च रक्तचाप दिवस पर विशेष: हल्के में ना लें उच्च रक्तचाप को -सतर्क रहें, नियंत्रित रखें और स्वस्थ जीवन जियें ।

डॉ अनुरूद्ध वर्मा एम डी(होम्यो ) वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक, सीनियर एसोसिएट एडीटर-ICN ग्रुप विश्व उच्च रक्तचाप दिवस प्रतिवर्ष 17 मई को मनाया जाता है। उच्च रक्तचाप की समस्या की गंभीरता का अनुमान इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि दुनिया मे लगभग 1 अरब 30 करोड़  लोग इससे प्रभावित हैं वंही पर देश में लगभग 30 करोड़ से अधिक लोग इससे पीड़ित हैं । साइलेंट किलर के नाम से प्रसिद्ध  यह रोग दुनिया में अकाल मृत्यु का प्रमुख कारण है । उच्च रक्तचाप की समस्या की गंभीरता को देखते हुये…

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